अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए भारत सरकार अगले कुछ हफ्तों में अलग-अलग सेक्टरों के लिए नई रणनीति लाने की तैयारी कर रही है. इस बीच उद्योग संघ एसोचैम ने मांग की है कि सरकार मंदी का मार झेल रहे सेक्टरों के लिए एक साल के टैक्स हॉलीडे का ऐलान करे. अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई है. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि पिछले दो हफ्तों में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने अहम स्टेकहोल्डर्स से मुलाकात की है.अब तैयारी मंदी की मार झेल रहे सेक्टरों की मांगों पर पहल करने की है.
13 अगस्त को संकट झेल रहे NBFC सेक्टर में liquidity सुधारने के लिए वित्त मंत्रालय ने एक नई स्कीम का ऐलान किया. Foreign Portfolio Investors को सुपर रिच टैक्स सरचार्ज से राहत देने के विकल्पों पर विचार जारी है. आटोमाबाइल सेक्टर ने रिवावल पैकेज और जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने की भी मांग वित्त मंत्री के सामने रखी है.
उधर मंदी की सबसे ज़्यादा मार झेल रहे-- आटोमोटिव, रियर इस्टेट और मैन्यूफैकचरिंग सेक्टरों के लिए उद्योग संघ एसोचौम ने 1 साल के टैक्स होलीडे की मांग की है. एसोचैम की ये भी मांग है कि जीएसटी की स्लैब घटाकर सिर्फ दो रखी जाएं 8% और 16%.
सौरभ सानयाल, डिप्टी सेक्रेटरी जनरल, एसोचैम ने कहा कि हम डिमांड करते हैं कि आटोमोटिव सेक्टर, रियल स्टेट सेक्टर और टेक्सटाइल सेक्टर में एक साल का टैक्स हॉलिडे सरकार को घोषित करना चाहिए.
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बीबेक देबरोय इसी हफ्ते जीएसटी की दरें घटाकर 3 करने की वकालत कर चुके हैं - 6%, 12% और 18 प्रतिशत. और कोर्पोरेट सोशल रिसपोन्सिबिलिटी और टैक्स सरचार्ज हटाने के साथ साथ सरकारी ख़र्च घटाने का सुझाव दे चुके हैं.अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार कितनी जल्दी अर्थव्यवस्था को दोबारा मज़बूत करने के लिए आगे क्या पहल करती है.
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