नई दिल्ली:
दिल्ली कैबिनेट द्वारा मंगलवार को मंज़ूरी दिए जाने के साथ ही दक्षिणी दिल्ली में फेल हो चुके बीआरटी (BRT - Bus Rapid Transit) कॉरिडोर को हटाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2008 में बने बीआरटी कॉरिडोर को तोड़ने में करीब 11 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, और यह रकम दिल्ली के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा लोक निर्माण विभाग (PWD) को दी जाएगी।
असल में बीआरटी कॉरिडोर को तोड़ने की सैद्धांतिक मंज़ूरी दिल्ली कैबिनेट ने जुलाई में ही दे दी थी लेकिन तब से अब तक इसे तोड़ने की प्रक्रिया इतनी सुस्त थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इससे नाराज़ थे। यही नहीं, दक्षिणी दिल्ली के पांच आम आदमी पार्टी विधायकों ने ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलकर इसे तुरंत हटाने की मांग भी की थी।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग से कहा कि वे काम शुरू हो जाने की तारीख बताएं। इसके बाद औपचारिकताएं और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में लगभग महीना-भर लग सकता है, जिसके बाद बीआरटी कॉरिडोर पर पहला हथौड़ा पड़ता हुआ देखने को मिल सकता है।
असल में बीआरटी कॉरिडोर को तोड़ने की सैद्धांतिक मंज़ूरी दिल्ली कैबिनेट ने जुलाई में ही दे दी थी लेकिन तब से अब तक इसे तोड़ने की प्रक्रिया इतनी सुस्त थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इससे नाराज़ थे। यही नहीं, दक्षिणी दिल्ली के पांच आम आदमी पार्टी विधायकों ने ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलकर इसे तुरंत हटाने की मांग भी की थी।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग से कहा कि वे काम शुरू हो जाने की तारीख बताएं। इसके बाद औपचारिकताएं और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में लगभग महीना-भर लग सकता है, जिसके बाद बीआरटी कॉरिडोर पर पहला हथौड़ा पड़ता हुआ देखने को मिल सकता है।
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