केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल (Delhi services bill)पेश किया. दिनभर इस पर हुई बहस और चर्चा के बाद अमित शाह जवाब देने के लिए आए. उन्होंने कहा कि दिल्ली सर्विस बिल किसी भी लिहाज से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं करता है. शाह ने कहा- "इस बिल का उद्देश्य दिल्ली में सुचारु रूप से भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करना है. बिल के एक भी प्रावधान से, पहले जो व्यवस्था थी, उस व्यवस्था में एक इंच मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है." अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन की वजह से महज आम आदमी पार्टी को खुश करने के लिए इस बिल का विरोध कर रही है. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नरायण सिंह ने दिल्ली सर्विस बिल पर बहस, चर्चा पूरी होने और अमित शाह के जवाब के बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू कराई. हालांकि, ध्वनिमत से इस बिल पर फैसला नहीं हो सका. इसके बाद सभी सांसदों को ऑटोमैटिक वोटिंग मशीन के जरिए वोट डालने को कहा गया. लेकिन इस दौरान कुछ सांसदों ने बटन वाली वोटिंग मशीन में तकनीकी खामियों की शिकायत की. आखिरकार पर्ची के जरिए वोटिंग कराई गई. इसके बाद बिल 131 वोटों से पास हो गया. इस बिल के विरोध में 102 वोट पड़े. अब यह बिल राष्ट्रपति के साइन के बाद कानून बन जाएगा.
दिल्ली सर्विस बिल पर जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और पब्लिक ऑर्डर पर काम करने का अधिकार केंद्र को दिया है. सेवा का अधिकार राज्य को देने की बात कही है. इसमें यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार को किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है." उन्होंने कहा, "संविधान कहता है कि केंद्र को किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है. इस किसी भी में सेवाएं भी आती हैं. संसद को संविधान में संशोधन का अधिकार है." गृह मंत्री अमित शाह के बयान के दौरान एनडीए सांसदों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए. जवाब में विपक्षी गठबंधन के नेता 'INDIA-INDIA' कहने लगे.
#WATCH | AAP was born after opposing Congress. They (AAP) used almost three tons of offensive words against Congress and came into existence. And today they are seeking support from Congress to oppose this bill. The moment this bill will be passed, Arvind Kejriwal ji palat… pic.twitter.com/vPeL7Zg2fO
— ANI (@ANI) August 7, 2023
कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं
अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के खिलाफ शुरू से कांग्रेस ही रही है. कांग्रेस ने ही संविधान संशोधन करके दिल्ली के अधिकारों का हनन किया है." उन्होंने कहा- "यह बिल पूर्व की तरह प्रधानमंत्रियों की सदस्यता बचाने नहीं लाए. इमरजेंसी लगाने नहीं लाए." शाह के यह कहते ही कांग्रेस के सदस्य भड़क गए. इस पर शाह बोले- "कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं है. आपने देश को इमरजेंसी दी थी."
मानसिकता बदलनी होगी
अमित शाह ने कहा, "जो लोग कह रहे हैं कि आज दिल्ली है, कल ओडिशा की बारी है, फिर दूसरे राज्य की बारी आएगी. ये गलत है. ये मानसिकता बदलनी होगी. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है. इससे किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए."
लोकसभा में 3 अगस्त को पास हुआ था बिल
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को सरकार ने 3 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था. उसी दिन विपक्षी गुट INDIA के सदस्यों के वॉकआउट के बावजूद यह बिल सदन से पास हो गया.
विपक्षी गठबंधन पर उठाए सवाल
अमित शाह ने इस दौरान विपक्षी गठबंधन INDIA पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "खरगे साहब आप जिस गठबंधन को बचाने के लिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं, सदन के बाद केजरीवाल साहब आप से मुंह मोड़ लेंगे. कांग्रेस को पता है कि अकेले कुछ होने वाला नहीं है. इसलिए गठबंधन बना लिया है."
24 मई 2024 को नरेंद्र मोदी ही लेंगे शपथ
उन्होंने कहा, "ऐसा गठबंधन जो सैद्धांतिक रूप से एक नहीं है. केरल में कांग्रेस और लेफ्ट एक दूसरे के खिलाफ है, लेकिन गठबंधन में ईलू-ईलू कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस का जन्म ही लेफ्ट के विरोध में हुआ, लेकिन वे भी साथ हैं. मैं इन्हें बता दूं कि 4-5 दल और जोड़ लें, फिर भी 24 मई 2024 को नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे."
11 अगस्त को मणिपुर पर करें चर्चा-शाह
मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर उन्होंने कहा- '8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, इसलिए विपक्ष मणिपुर पर 11 अगस्त को चर्चा करे. अमित शाह ने कहा, "मैं मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हूं. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. आप (विपक्ष) ही हैं, जिनके पास छिपाने के लिए कुछ है. आप चर्चा नहीं होने दे रहे हैं. अगर खरगे जी 11 अगस्त को चर्चा के लिए हां कहते हैं, तो मैं भी इसके लिए तैयार हूं."
11 मई 2023 सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश
बता दें कि 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने अफसरों पर कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था. साथ ही अदालत ने कहा कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे. इस फैसले के एक हफ्ते बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को बदल दिया. केंद्र ने अध्यादेश के जरिए ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को दे दिया. दिल्ली सर्विस बिल इसी अध्यादेश की जगह लेगा.
रामदास आठवले ने किया दिल्ली सर्विस बिल का समर्थन
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदाम आठवले ने दिल्ली सर्विस बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने 70 साल कर विरोध क्यों नहीं किया? अमित भाई का इतना अच्छा आ गया है बिल, लेकिन सामने वालों को हो रहा है फील, नरेंद्र मोदी जी के पास है बहुत अच्छी व्हील, लेकिन दिल्ली में हो रही है दारू की डील, मोदी जी और अमित शाह की जम गई जोड़ी, फिर कांग्रेस और आप वालों की कैसे आगे जाएगी गाड़ी, मोदी जी जानते हैं जनता की नाड़ी, इसलिए मैंने बढ़ाई है दाढ़ी..." आठवले के इस अंदाज पर सदन में खूब ठहाके लगे.
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