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बच्चे का दिल स्कूल जाने से क्यों डरता है... क्या पढ़ाई का प्रेशर वजह?

स्कूल में बम की धमकी किसी बच्चे ने भेजी हो तो जाहिर सी बात है कि आपके मन में आएगा कि ये महज एक शरारत है लेकिन इसके पीछे की हकीकत कुछ और ही है. जिस बच्चे ने स्कूल में बम की धमकी भेजी उसे स्कूल जाने से डर लगता था.

बच्चे का दिल स्कूल जाने से क्यों डरता है... क्या पढ़ाई का प्रेशर वजह?
नई दिल्ली:

दुनिया में हर बच्चे के लिए पढ़ाई कितनी जरूरी है ये किसी से छिपा नहीं है. जो बच्चा जितना मन लगाकर पढ़ाई करता है उसका भविष्य भी उतना ही सुनहरा होता है. पढ़ाई किसी बच्चे के लिए बेहद मजेदार होती है तो कइयों के लिए बोझ. दरअसल हम यहां ये बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आए दिनों ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिनमें स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी जाती है. धमकी मिलते ही पूरे स्कूल के होश उड़ जाते हैं. बच्चों के मां-बाप के तो पैरों की नीचे की जमीन ही खिसक जाती है. जब स्कूल की तलाशी ली जाती है तो कुछ नहीं मिलता. मतलब बम की धमकी महज अफवाह थी. इन दिनों दिल्ली में एक बच्चे ने स्कूल को इसलिए बम से उड़ाने की धमकी दे डाली क्योंकि उसका स्कूल जाने का मन नहीं था.

क्या है मामला

कैलाश कॉलोनी स्थित समर फील्ड स्कूल में बम की सूचना से शुक्रवार अचानक हड़कंप मच गया. दरअसल स्कूल में ई-मेल के जरिए बम प्लांट करने की धमकी मिली थी. जैसे ही ये धमकीभरा मेल स्कूल को मिला तो सबके होश फाख्ता हो गए. धमकी भरा ई-मेल देखते ही प्रबंधक ने पुलिस को तुरंत इसकी सूचना दी और आनन-फानन में जल्द से जल्द स्कूल को खाली करा दिया. मां-बाप भी भागते-दौड़ते बच्चों को लेने स्कूल की तरफ दौड़ पड़े. आखिरकार कई घंटों की मशक्कत के बाद सूचना को झूठा करार दे दिया गया. बम की धमकी देने वाले की भी पहचान हो गई. लेकिन जब लोगों के सामने सच आया तब पता चला कि स्कूल के बच्चे ने ही ये धमकीभरा मेला भेजा था क्योंकि बच्चा स्कूल जाने से डरता था.

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बताया कि 14 वर्षीय छात्र की पहचान कर ली गई है, छात्र स्कूल नहीं जाना चाहता था. स्कूल जाने से बचने के लिए उसने बम की धमकी वाला मेल भेजा था. फिलहाल पुलिस अभी जांच कर रही है. स्कूल को जो धमकीभरा मेल में मिला, उसमें लिखा था कि स्कूल में बम प्लांट कर दिया गया है. जो जल्द ही फटेगा और सभी मारे जाएंगे. इस धमकीभरे मेल के बाद स्कूल में बम की तलाश शुरू की. स्कूल की इमारत तीन मंजिला है, मगर तलाशी के दौरान स्कूल में कुछ नहीं मिला. फिर पता लगाया गया है कि आखिर ये शरारत किसकी है.

बच्चे का दिल स्कूल जाने से क्यों डरता है?

स्कूल में बम की धमकी किसी बच्चे ने भेजी हो तो जाहिर सी बात है कि आपके मन में आएगा कि ये महज एक शरारत है लेकिन इसके पीछे की हकीकत कुछ और ही है. जिस बच्चे ने स्कूल में बम की धमकी भेजी उसे स्कूल जाने से डर लगता था. लेकिन ये कोई पहला बच्चा नहीं है जिसके लिए किसी बुरे सपने की तरह हो. दरअसल ऐसे मामले बड़े ही संवेदनशील होते हैं. इसलिए इनके पीछे की मानसिकता को समझना जरूरी होती है. आखिर बच्चा किस वजह से स्कूल जाने से डर रहा है. क्या बच्चा सिर्फ पढ़ाई से डरता है या फिर स्कूल और क्लास के माहौल से. क्या बच्चे को स्कूल में ऐसा वातावरण मिल भी पा रहा है कि नहीं, जो स्कूल की किताबों में उसकी दिलचस्पी बढ़ा सके. या फिर बच्चा किसी ऐसे टीचर से डरता है जो बहुत सख्त मिजाज है.

यकीनन अगर इन कारणों के पीछे थोड़ा तफ्सील से गौर किया जाएगा तो पता चलेगा कि बच्चे के स्कूल से डरने का कोई एक पुख्ता कारण नहीं हो सकता. इसमें कई और भी कारण हो सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि मां-बाप, स्कूल और टीचर मिलकर ऐसा माहौल बनाए. जिसमें बच्चे के हर डर को दूर किया जा सके. बच्चे को पढ़ाई के साथ खेल खेलने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए. अगर उसके लिए सिलेबस मुश्किल हो रहा है तो स्कूल टीचर से बात करे उसके लिए कुछ ऐसा क्रिएटिव तरीके खोजने चाहिए, जिस बच्चे की दिलचस्पी पढ़ाई में बढ़ सके. अगर बच्चे फिर भी पढ़ाई में ज्यादा रूचि नहीं ले रहा है तो ये जानने की कोशिश करनी चाहिए कि आखिर बच्चे की पसंद क्या है. ये किसी से छिपा नहीं कि बच्चे की जिन भी चीजों में ज्यादा दिलचस्पी होती है वो वहां कुछ कर गुजरता है, जिसकी लोग उम्मीद तक नहीं करते.

कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो घर से तो स्कूल के लिए निकलते हैं लेकिन वो स्कूल तक पहुंचते ही नहीं. कई बार एग्जाम में नंबर कम आने से क्लासमेट और मां-बाप बच्चे से जिस तरह का व्यवहार करते हैं, उससे भी बच्चे की मनोदशा अलग स्तर पर चली जाती है. ऐसे में जरूरी है कि बच्चे को ये समझाया जाए कि वो किसी दूसरे से कम नहीं. भले ही एग्जाम में नंबर कम आ भी जाए तो उस पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाना चाहिए बल्कि समझाना चाहिए कि जो चीजें उसके लिए मुश्किल है. मन लगाने पर वो सब उसके लिए आसान हो जाएंगी. बस उसे जरूरत है तो चीजों पर फोकस करने की और प्रैक्टिस की. प्रैक्टिस की आदत बच्चे के किसी भी डर को दूर करने में खास भूमिका निभाती है.

पहले भी मिल चुकी है स्कूल में बम की धमकी

दिल्ली में इससे पहले भी कई और स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है. जिसके बाद इन सभी स्कूलों में भी हड़कंप मच गया. ज्यादातर स्कूलों को ये बम वाली धमकियां ई-मेल के जरिए भी धमकी दी गई थी. इससे पहले मई के महीने में दिल्ली और नोएडा के करीब 100 स्कूलों में बम होने की कॉल से हड़कंप मच था. धमकी वाले ईमेल मिलने के बाद राजधानी के 8 स्कूलों को तुरंत खाली करवा दिया गया. यहां तक कि परीक्षा को भी बीच में रुकवा दिया गया. लेकिन यहां भी तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला.

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