नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली में भड़के दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में जामिया के छात्र, पिंजरा तोड़ ग्रुप से जुड़ी छात्राएं, कांग्रेस नेता, आप पार्षद समेत अन्य लोग शामिल हैं.
बता दें कि यह एक कड़ा कानून है जिसमें ज़मानत का प्रावधान नहीं है. UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) में 7 साल से उम्रकैद और फांसी तक की सज़ा हो सकती है.
सूत्रों के अनुसार, इन 18 लोगों में केवल जामिया की छात्रा सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर ज़मानत मिली है बाकी 17 लोग जेल में हैं. इन सभी लोगों पर दंगों की गहरी साजिश के आरोप हैं. दंगों की साज़िश में शारजील इमाम और उमर खालिद का भी नाम है, लेकिन इन दोनों को अभी तक गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि साज़िश में दूसरे पक्ष के किसी बड़े नेता का नाम नहीं है. दूसरे पक्ष के आरोपियों में किसी के खिलाफ भी यूएपीए के तहत कार्रवाई नहीं की गई है.
इन लोगों पर लगाया गया है UAPA-
दानिश (9 मार्च को गिरफ्तार), मोहम्मद परवेज अहमद(11 मार्च को गिरफ्तार), मोहम्मफ इलियास (11 मार्च को गिरफ्तार), खालिद (21 मार्च), इशरत जहां (21 मार्च), मिरान हैदर (1 अप्रैल), मोहम्मद ताहिर हुसैन (6 अप्रैल), गुलफिशा (11 अप्रैल), सफूरा जरगर (13 अप्रैल), शफा उर रहमान (26 अप्रैल), आसिफ इकबाल तन्हा (19 मई), शहदाब अहमद (20 मई), नताशा (29 मई), देवांगना कलिता (5 जून), तस्लीम अहमद(24 जून), सलीम मलिक (25 जून), मोहम्मद सलीम खान (25 जून) और अथर खान को 2 जुलाई को गिरफ्तार किया गया है.
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