दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख अख्तियार किया है. कोर्ट ने प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने के लिए निर्माण से संबंधित सभी कार्यों पर प्रतिबंध जारी रखने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि गैर-प्रदूषणकारी गतिविधियों जैसे प्लंबर, इंटीरियर डेकोरेशन, इलैक्ट्रीशियन के काम जारी रहेंगे, इनपर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. राज्य सरकारें जितने दिन काम बंद रहेगा, उतने दिन निमार्ण कार्य मजदूर फंड से मजदूरों को पैसा देंगी.
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए 13 नवंबर को कई आपात उपायों की घोषणा की थी, जिनमें एक सप्ताह के लिए स्कूलों को बंद करना, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध और सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम करना (वर्क फ्रॉम होम) शामिल था.
मुख्यमंत्री ने एक आपात बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था कि उनकी सरकार लॉकडाउन का प्रस्ताव भी उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश करेगी. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण में वृद्धि को एक ‘‘आपातकालीन'' स्थिति बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल उपाय करने के लिए कहा था और वाहनों पर रोक तथा लॉकडाउन करने जैसे कदम सुझाए थे.
केजरीवाल ने कहा था कि वायु प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए सोमवार से स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद रहेंगे. उन्होंने कहा था कि सरकारी कार्यालयों के संबंध में ‘वर्क फ्रॉम होम' लागू किया जाएगा और निजी कार्यालयों के लिए अलग से परामर्श जारी किया जायेगा. दिल्ली में 14 से 17 नवंबर तक निर्माण गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी.
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