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दिल्ली में प्रदूषण की मार से परेशान लोगों ने किया पहाड़ों का रुख, शिमला से मनाली तक जाम ही जाम

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और पंजाब के हिस्सों में हाल के हफ्तों में AQI खराब से गंभीर स्तर पर रहा है. इसके विपरीत, हिमाचल प्रदेश में बेहतर वायु गुणवत्ता बनी हुई है, जो इसे सुरक्षित पर्यटन स्थल बनाती है.

दिल्ली में प्रदूषण की मार से परेशान लोगों ने किया पहाड़ों का रुख, शिमला से मनाली तक जाम ही जाम
  • दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और पंजाब में वायु गुणवत्ता खराब होने से पर्यटक हिमाचल प्रदेश की ओर रुख कर रहे हैं
  • पर्यटकों ने हिमाचल की साफ हवा, स्वच्छ वातावरण और सुखद मौसम को प्रदूषण से राहत का मुख्य कारण बताया है
  • बढ़ती भीड़ के कारण हिमाचल प्रदेश के कुछ पहाड़ी इलाकों में यातायात जाम की समस्या हो रही है
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शिमला:

दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और पंजाब में वायु गुणवत्ता बिगड़ने के बीच अब लोग हिमाचल प्रदेश की तरफ रुख कर रहे हैं. साफ हवा, स्वच्छ आसमान और स्वस्थ माहौल की तलाश में पहाड़ी शहर पर्यटकों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं. हजारों की संख्या में पर्यटक शिमला, कुल्लू और मनाली पहुंच रहे हैं. इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा तो मिल रहा है, लेकिन इन छोटे शहरों में अचानक भीड़ बढ़ने से कई इलाकों में जाम की स्थिति का भी सामना करना पड़ रहा है.

नोएडा के पर्यटक ने भी घरेलू प्रदूषण को यात्रा का मुख्य कारण बताया. उन्होंने कहा, "बर्फबारी की उम्मीद थी, थोड़ी जल्दी आ गई. 21 दिसंबर के बाद शायद फिर हो. यहां धूप है लेकिन घर पर मौसम खराब है. यहां AQI शानदार है. पर्यटन स्थल अभी थोड़े कम भीड़भाड़ वाले हैं. कुछ जगहों पर जाम है, हालांकि 25 दिसंबर और न्यू ईयर पर भीड़ और बढ़ेगी."

दिसंबर में, देशभर से 15,000 से ज्यादा पर्यटक वाहन कुल्लू-मनाली पहुंचे हैं, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिला है. यूपी के एक पर्यटक ने बताया, "यहां का मौसम बहुत अच्छा है, न ज्यादा ठंडा न ज्यादा गर्म. सब कुछ साफ-सुथरा है. हवा ताजी है. घर पर तो सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. सबको यहां आकर थोड़ा आराम करना चाहिए."

पंजाब से पहुंचे एक टूरिस्ट ने बताया कि उनके राज्य में प्रदूषण और कोहरा रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित कर रहे हैं. पंजाब में प्रदूषण के साथ घना कोहरा दिक्कतें बढ़ा रहा है, दुर्घटनाएं तक होती हैं. लेकिन यहां का माहौल एकदम साफ और कमाल का है. पर्यटक बढ़ रहे हैं. ये घूमने का शानदार समय है."

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में घने प्रदूषण की चपेट में आने के कारण पर्यटक सुखद मौसम, मनमोहक घाटियों और बेहतर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की ओर रुख कर रहे हैं. सप्ताह के अंत में पर्यटकों की संख्या में खासा इजाफा देखा जा रहा है, जो अपने घरों में स्मॉग और खतरनाक प्रदूषण से राहत चाहते हैं.

हिमाचल प्रदेश पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन केंद्र के विशेषज्ञों ने मैदानी इलाकों और पहाड़ी राज्य के बीच वायु गुणवत्ता के साफ अंतर को दिखाया है. जलवायु परिवर्तन विभाग के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुमार अत्री ने कहा, "शिमला और अन्य पहाड़ी शहरों में AQI बहुत अच्छा है. वाहनों का दबाव कम है, मौसम थोड़ा शुष्क है, लेकिन फिलहाल मौसम और हवा शानदार है."

उन्होंने बताया कि राज्य भर में AQI 32 से 97 माइक्रोग्राम के बीच रहता है, जो अच्छे से मध्यम स्तर का है और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माना जाता है. डॉ. अत्री ने कहा, "कोई बड़ा प्रदूषण नहीं है. सभी पर्यटकों का हिमाचल में स्वागत है. आगामी पश्चिमी विक्षोभ से हालात और सुधर सकते हैं, शायद बर्फबारी भी हो."

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और पंजाब के हिस्सों में हाल के हफ्तों में AQI खराब से गंभीर स्तर पर रहा है. गाड़ियों से निकलने वाल धुंआ, औद्योगिक गतिविधियां, पराली जलाना और सर्दी का मौसम इसके लिए जिम्मेदार हैं. इसके विपरीत, हिमाचल प्रदेश में बेहतर वायु गुणवत्ता बनी हुई है, जो इसे सुरक्षित पर्यटन स्थल बनाती है.
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साफ हवा, सुखद मौसम और आने वाले दिनों में बर्फबारी की संभावना के साथ हिमाचल के पहाड़ी शहरों में सर्दी की छुट्टियों के दौरान पर्यटकों की संख्या में और उछाल आने की उम्मीद है.

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