- दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल ने दो मामलों में चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है
- आरोपियों ने फर्जी व्हाट्सऐप ग्रुप और नकली ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की
- गिरफ्तार आरोपियों के खातों से 24 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध मनी ट्रेल और लेनदेन का पता चला
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल ने एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. दो अलग–अलग मामलों में चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है. जांच में करीब 24 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल सामने आई है. क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल को इनपुट मिला था कि फर्जी व्हाट्सऐप ग्रुप और नकली ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए लोगों से करोड़ों की ठगी की जा रही है. जांच में सामने आया कि ठग फर्जी निवेश और स्टॉक ट्रेडिंग का झांसा देकर लोगों को पैसे ट्रांसफर करवाते थे और बाद में ऐप और ग्रुप बंद कर देते थे.
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर शिवराज सिंह और सतेंद्र खरी को जानकारी मिली थी कि जालसाजी के एक मामले में पीड़ित से 31 लाख 45 हजार रुपये ठगे गए. “Cventura” नाम के फर्जी ऐप के जरिए रकम छह अलग-अलग बैंक खातों में डलवाई गई. जांच के बाद पंजाब के लुधियाना और खन्ना से दो आरोपियों राजीव और मोनू कुमार को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों के खातों से करोड़ों के संदिग्ध लेनदेन सामने आए हैं.
दूसरे मामले में VIP 10 Stock Sharing Group के जरिए पीड़ित से 47 लाख 15 हजार रुपये की ठगी की गई. “Verger” नाम के फर्जी ऐप का इस्तेमाल हुआ. क्राइम ब्रांच की जांच में हिसार पंचकुला और चूरू से मोहित, बलवान और राजबीर सिंह को गिरफ्तार किया गया. इन खातों के जरिए कुछ ही दिनों में 20 से 3 करोड़ रुपये तक के ट्रांजैक्शन पाए गए.
जांच में खुलासा हुआ कि ठग म्यूल बैंक अकाउंट्स, कमीशन एजेंट्स और तेज़ लेनदेन के जरिए पैसों की लेयरिंग करते थे. कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड और चेकबुक बरामद की गई हैं. फरार आरोपियों की तलाश जारी है.
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