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नशे के खिलाफ दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन, अफगान-पाक सिंडिकेट का किया भंडाफोड़, 10 गिरफ्तार

शाजिया पर पहले से कई मामले दर्ज हैं , वह श्रीनगर की रहने वाली है और पिछले 2–3 सालों से ड्रग्स की तस्करी में शामिल है. वह पहले अफगानी नागरिक सोहराब के साथ मिलकर दिल्ली में ड्रग्स सप्लाई करती थी.

नशे के खिलाफ दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन, अफगान-पाक सिंडिकेट का किया भंडाफोड़, 10 गिरफ्तार
ANTF को अफगानिस्तान और पाकिस्तान से दिल्ली में हेरोइन की खेप आने की गुप्त सूचना मिली थी. 
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने एक बेहद अहम कामयाबी हासिल करते हुए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में फैले एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. लगभग 50 दिनों तक चला ऑपरेशन 'Clean Sweep' में चार राज्यों को कवर किया गया और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. ANTF की टीम ने इस दौरान 1667 ग्राम अफगान मूल की हाई क्वालिटी हेरोइन, 130 ग्राम संदिग्ध केमिकल पदार्थ, 16 मोबाइल फोन, और 1.65 लाख कैश बरामद किया है. इसके अलावा, ड्रग तस्करी में इस्तेमाल की गई दो मोटरसाइकिलें भी जब्त की गई और 10 करोड़ की 5 प्रॉपर्टीज़ की जांच के लिए फ्रीज़िंग ऑर्डर जारी किए जा रहे हैं.

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इन मोबाइल फोनों से मिली जानकारियों ने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा किया, जो पंजाब के अमृतसर, तरनतारन, खेमकरण, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा और हरियाणा के मेवात जैसे बॉर्डर एरिया में सक्रिय था. ANTF को अफगानिस्तान और पाकिस्तान से दिल्ली में हेरोइन की खेप आने की गुप्त सूचना मिली थी. 

फहीम की गिरफ्तारी

9 फरवरी को साउथ दिल्ली के भोगल इलाके में रहने वाले फैहीम फारूक को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया था.उसके पास से 996 ग्राम अफगानी हेरोइन बरामद हुई थी. उसके किराए के मकान की तलाशी में 1.65 लाख नकद भी मिला, जो उसने ड्रग तस्करी से कमाया था. पूछताछ में फैहीम ने बताया कि वह शाजिया नाम की लड़की के संपर्क में था, जो उसकी Ex-Girlfriend भी थी और ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा थी. शाजिया ने उसे पंजाब ऑपरेटर 'हैरी' से मिलवाया.

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3 फरवरी को फैहीम ने सोनीपत के मुरथल स्थित सुखदेव ढाबा से हैरी से 1 किलो हेरोइन की खेप ली और दिल्ली लौट आया, जिसे शाजिया ने रिसीव किया और बदले में उसे 50,000 रुपये दिए. 9 फरवरी को जब फैहीम, शाजिया के कहने पर ड्रग की डिलीवरी देने जा रहा था, उसी दौरान उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. फैहीम का बैकग्राउंड भी आपराधिक रहा है ,वह श्रीनगर में स्टोन पेल्टर रहा है और 10वीं कक्षा तक पढ़ा है. अब वह ड्रग सिंडिकेट के लिए काम करता था और बच्चों के ज़रिए कुपवाड़ा सेक्टर से हेरोइन लाने की साज़िश रच रहा था.

शाजिया पीर की गिरफ्तारी

मुख्य आरोपी शाजिया पीर के खिलाफ जैसे ही पुख्ता सबूत मिले, पुलिस ने बिना समय गंवाए जंगपुरा एक्सटेंशन स्थित उसके ठिकाने पर छापा मारा, लेकिन वह वहां से फरार हो चुकी थी. काफी कोशिश के बाद आखिरकार उसे पकड़ लिया गया. उसकी निशानदेही पर एक IPhone बरामद हुआ, जिसमें क्रॉस-बॉर्डर ड्रग सिंडिकेट से जुड़े कई चैट्स और आपत्तिजनक सबूत मिले. पूछताछ में शाजिया ने अफगानिस्तान, अमेरिका, यूके और पंजाब में फैले ड्रग नेटवर्क से संबंध स्वीकारे. उसने कबूला कि उसने खुद फैहीम को ड्रग सप्लायर हैरी से संपर्क कराने के लिए एक डेडिकेटेड मोबाइल फोन दिया था. हर खेप के बाद वह फैहीम से ड्रग्स और फोन लेकर 50,000 रुपये देती थी. शुरुआती पूछताछ में वह पुलिस को गुमराह करती रही कि फोन उसने कूड़ेदान में फेंक दिया है. लेकिन 3 दिनों की तलाशी और इंटरोगेशन के बाद फोन बरामद हुआ, जिससे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ.

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शाजिया पर पहले से कई मामले दर्ज हैं , वह श्रीनगर की रहने वाली है और पिछले 2–3 सालों से ड्रग्स की तस्करी में शामिल है. वह पहले अफगानी नागरिक सोहराब के साथ मिलकर दिल्ली में ड्रग्स सप्लाई करती थी. सोहराब के अफगानिस्तान लौटने के बाद, उसने शाजिया को एक “हाफ़िज़” नामक शख्स का व्हाट्सएप नंबर दिया, जो उसका हैंडलर था।शाजिया के पिता इम्तियाज अहमद के खिलाफ भी दिल्ली क्राइम ब्रांच में नशीले पदार्थों की तस्करी का मामला दर्ज है.

जावेद की गिरफ्तारी

शाजिया से पूछताछ में सामने आया कि वह बड़े स्तर पर हेरोइन बेचने के साथ-साथ, नशे के आदी लोगों को छोटे स्तर पर हेरोइन जावेद के जरिए बेचती थी. शाजिया के घर पर छापेमारी में जावेद को पकड़ा गया, जिसके मोबाइल पर लगातार कॉल आ रहे थे. पूछताछ में उसने बताया कि ये कॉल नशे के आदी ग्राहकों के थे, जो उससे हेरोइन खरीदते थे. इनमें से एक ग्राहक को पकड़ने पर उसने पुष्टि की कि जावेद एक छोटा ड्रग डीलर है. उसके बाद जावेद को भी इस केस में गिरफ्तार किया गया.

‘हैरी' की गिरफ्तारी

जांच टीम ने सोनीपत के सुखदेव ढाबा गई, जहां से फैहीम ने हेरोइन की डिलीवरी ली थी. CCTV फुटेज खंगालने पर एक संदिग्ध शख्स और उसकी बाइक की पहचान हुई. हालांकि रजिस्ट्रेशन नंबर अधूरा था, लेकिन पार्किंग स्लिप्स और टेक्निकल एनालिसिस के जरिये टीम ने बाइक के मालिक का पता लगाया. इस तरह परमिंदर सिंह उर्फ पप्पू उर्फ हैरी की पहचान हुई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. टीम ने बैंक कर्मचारियों के रूप में खुद को पेश कर उसे पकड़ने की रणनीति अपनाई. उसके खिलाफ लुधियाना में चोरी, आर्म्स एक्ट, धोखाधड़ी और लूटपाट के पुराने मामले दर्ज हैं. हैरी के फोन की जांच में भी अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स और हथियार तस्करी से जुड़ी कई आपत्तिजनक चैट्स और वीडियो मिले. उसका नेटवर्क अफगानिस्तान, पाकिस्तान , पंजाब , जम्मू-कश्मीर दिल्ली तक फैला था. पूछताछ में उसने बताया कि वह पाकिस्तान और यूके में सक्रिय तस्करों के संपर्क में था. पाकिस्तान स्थित तस्कर ‘खान' ने उसे अमृतसर में डिलीवरी लेने को कहा था. तकनीकी निगरानी के आधार पर खालसा कॉलेज, अमृतसर के पास सर्विलांस ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें सोनू, सलविंदर उर्फ गोरा, और रवि की पहचान हुई. ये सभी नारको-टेरर फ्यूजिटिव लखविंदर उर्फ लंडा से जुड़े हुए पाए गए, जो फिलहाल कनाडा में सक्रिय माना जा रहा है.

हैरी ने बताया कि गोरा उस पर 10 लाख का उधार था, जो पिछली हेरोइन की खेप के एवज में बकाया था. उसकी निशानदेही पर उसके घर से वही मोबाइल फोन और बाइक भी बरामद की गई, जिससे हेरोइन की सप्लाई की जाती थी.

सलविंदर उर्फ गोरा की गिरफ्तारी

आरोपी परमिंदर की पूछताछ के आधार पर, पुलिस टीम ने अमृतसर स्थित सलविंदर उर्फ गोरा के निवास पर आधी रात को छापा मारा. आरोपी घर की बालकनी में दिखा और छत के रास्ते भागने की कोशिश की. पीछा करते हुए हेड कांस्टेबल संवर असंतुलित होकर 20 फीट ऊंचाई से नीचे गिर गए और उन्हें रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ. इसके बाद, सलविंदर ने अपना मोबाइल बंद कर दिया और फरार हो गया. पुलिस टीम ने उसके पैतृक गांव रत्तोके (बॉर्डर इलाके) में किसान बनकर निगरानी शुरू की. स्थानीय सूचना पर गुरुवार को एक धार्मिक स्थल के पास पुलिस ने खेतिहर मजदूरों के भेष में ऑपरेशन चलाया और आरोपी को धर दबोचा गया. उसके खिलाफ अमृतसर में ड्रग्स तस्करी का एक केस दर्ज था. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह तस्करी सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य था और लगातार नशील पदार्थ बेच रहा था.

सरबजीत की गिरफ्तारी और सनी, सोनू की तलाश

सलविंदर की रिमांड के दौरान, आरोपी सनी और सरबजीत के ठिकानों की पहचान की गई. सुबह अमृतसर में छापा मारा गया लेकिन सनी फरार मिला. सरबजीत को 24 घंटे की तकनीकी निगरानी के बाद अमृतसर कोर्ट के पास गिरफ्तार किया गया. उसके पास से तीन मोबाइल, चार मोबाइल बॉक्स, दो बिल और एक डायरी जिसमें ड्रग तस्करों के नंबर थे, बरामद हुई.
सरबजीत पर भी नशीले पदार्थ की तस्करी का केस दर्ज है. उसका भाई विशाल हत्या के प्रयास में जेल में है और NDPS के दो केसों में भी नामजद है. उसका दूसरा भाई सनी भी इसी धंधे में हैं.

वरिंदर उर्फ सोनू की गिरफ्तारी

तरनतारण के गांव पलासोर में सोनू के घर पर छापा मारा गया, पर वह नहीं मिला. मोबाइल भी बंद था. बाद में जानकारी पर उसे गिरफ्तार किया गया. उसने ड्रग एडिक्ट और तस्कर होना स्वीकारा. उसके सप्लायर्स में रवि (शेरों) और परमिंदर उर्फ हैरी उर्फ अमन के नाम आए. उसके इंस्टाग्राम प्रोफाइल से रवि का सोशल अकाउंट ट्रेस हुआ.

रवि शेर सिंह मनजिंदर सिंह की गिरफ्तारी

टीम ने तरनतारन, पंजाब में एक विशेष कार्रवाई के तहत रवि शेर सिंह और मनजिंदर सिंह को तेजा सिंह वाला रोड पर एक स्प्लेंडर बाइक पर सवार पकड़ा. बाइक की जांच करने पर 130 ग्राम हेरोइन बरामद की गई. पूछताछ में रवि ने बताया कि यह खेप उसे जशन नामक व्यक्ति से मिली थी, जो नर्ली गांव, तरनतारन का निवासी है. रवि के मोबाइल फोन की जांच में अंतर्राष्ट्रीय संपर्कों के सबूत मिले, जिससे उसके पाकिस्तान बॉर्डर के ड्रग नेटवर्क से जुड़े होने की संभावना सामने आई. पूछताछ के दौरान रवि के किराए के मकान से, जो गुरुद्वारा बंगला साहिब के पीछे था, 299 ग्राम अफगानी हेरोइन और बरामद की गई.

लांडा कनेक्शन

रवि की आपराधिक पृष्ठभूमि भी कम खतरनाक नहीं है. साल 2022 में वह हत्या के एक मामले में गिरफ़्तार हो चुका है, जिसमें कुख्यात नारको-आतंकी लखबीर उर्फ लांडा शामिल था. रवि ने कबूल किया कि उस वारदात को 20 लाख की फिरौती वसूलने के इरादे से अंजाम दिया गया था. लांडा के निर्देश पर “ज़ैंगी” ऐप और इंस्टाग्राम के ज़रिए संपर्क बनाए जाते थे. जांच में सामने आया है कि लांडा, पाकिस्तान से ड्रोन के ज़रिए रवि को हथियार और ड्रग्स सप्लाई करता था. रवि का पूरा परिवार नशा तस्करी और संगठित अपराध में शामिल पाया गया. उसके दादा गज्जन सिंह, उनके भाई मखन सिंह, सुलखन सिंह और सकत्तर सिंह सभी पर NDPS और Arms Act के तहत कई केस दर्ज हैं. परिवार के अन्य सदस्य भी हत्या, धोखाधड़ी और नशा तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं.

जश्नप्रीत की गिरफ्तारी

आरोपी जशनप्रीत उर्फ जशन की, जिसे पुलिस ने नर्ली गांव से पकड़ा. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसके घर में 372 ग्राम हेरोइन छुपा रखी थी, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया. हैरान करने वाली बात यह रही कि जशन ड्रोन से हेरोइन मंगवाता था और यह संपर्क उसे "PUBG गेम" के ज़रिए मिला था. उसने कबूल किया कि अब तक वह 1 किलो 100 ग्राम हेरोइन ड्रोन से मांगा चुका है. जशन की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी आपराधिक पाई गई. उसके परिवार के लोग न केवल NDPS एक्ट बल्कि Explosives Act में भी आरोपी रहे हैं , उनके पास से ग्रेनेड और हथियार बरामद हो चुके हैं.

अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन

इस केस के तार न केवल पाकिस्तान, बल्कि ब्रिटेन और अमेरिका तक फैले हुए हैं. आरोपी परमिंदर उर्फ हैरी के दोस्त रवजोत सिंह पनेसर, जो इस समय यूके में है, ने व्हाट्सऐप पर पूछताछ में माना कि उसने परमिंदर को ड्रग सप्लायर्स खान और माही के संपर्क दिए थे. इसके साथ ही, उसने पाकिस्तान निवासी हसीब मोहम्मद का नाम लिया, जो यूके में उसके साथ एक वर्कशॉप में काम करता था.

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