अप्रैल में 122 साल की सबसे प्रचंड गर्मी झेली, मई में भी राहत के आसार नहीं : आईएमडी

Delhi Heatwave: (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में मई के महीने में रात में भी गर्मी महसूस होगी.

नई दिल्ली:

Heatwave in Delhi : देश के कई इलाकों ने अप्रैल में 122 साल की सबसे भयंकर गर्मी (Weather News) झेली, लेकिन मई के महीने में भी गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है. दिल्ली में शुक्रवार को तापमान 46 डिग्री तक पहुंच गया था, लेकिन शनिवार को ये 43.5 डिग्री तक रहा. रविवार को भी ऐसे लू के थपेड़े पड़ेंगे. हालांकि सोमवार और बुधवार को आंधी और हल्की बारिश से कुछ राहत मिल सकती है.  वहीं यूपी में भी भीषण लू चली और बांदा में तो 47.4 डिग्री सेल्लियस के साथ मानो अंगारे बरसे. मौसम विभाग ने शनिवार को आगाह किया कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में 1990 के बाद से अप्रैल महीने में इस साल सर्वाधिक औसत अधिकतम तापमान दर्ज किया गया. मई में भी गर्मी से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं.

Delhi Temperature : 72 सालों में दूसरी बार सबसे ज्यादा गर्मी अप्रैल में 

दिल्ली में न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से दो डिग्री ज्यादा था. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा का कहना है कि दिल्ली समेत ज्यादातर इलाकों में मई में रातें और ज्यादा गर्म होंगी. दिल्ली में पालम इलाके में सर्वाधिक 44.6 डिग्री तापमान रहा. यह पांच सालों में सबसे ज्यादा तापमान अप्रैल के माह में दिल्ली का रहा.  वहीं मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली ने अप्रैल में 72 सालों में सबसे भयंकर गर्मी झेली है, क्योंकि मासिक औसत तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से करीब 4 डिग्री ज्यादा रहा. इससे पहले अप्रैल में इतनी ज्यादा गर्मी पड़ी थी.

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मई के लिए तापमान और बारिश पर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में मई के महीने में रात में भी गर्मी महसूस होगी. उन्होंने कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में इस साल अप्रैल पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक गर्म रहा, जहां औसत अधिकतम तापमान क्रमश: 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. उत्तर-पश्चिम भारत में अप्रैल 2010 में औसत अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस, जबकि मध्य भारत में अप्रैल 1973 के दौरान औसत अधिकतम तापमान 37.75 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

महापात्रा ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश भागों - जम्म कश्मीर, हिमाचल, गुजरात, राजस्थान, पजांब और हरियाणा - को मई में भी सामान्य से अधिक तापमान का सामना करना होगा. अप्रैल के दौरान देशभर में औसत तापमान 35.05 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 122 वर्षों में चौथी बार सबसे अधिक रहा है.उन्होंने कहा कि देश में इस साल मई के दौरान औसत बारिश सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. साथ ही कहा कि मई में उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है.

महापात्रा ने पश्चिमी राजस्थान के कुछ भागों में तापमान 50 डिग्री के पार चले जाने की संभावना को खारिज नहीं किया. गर्मी के मौसम में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर महापात्रा ने कहा, ''ऐसा पूर्वानुमान नहीं जता सकता. यह जलवायु पर निर्भर है क्योंकि मई सबसे गर्म महीना है.' यूपी के बांदा में शनिवार को तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि देश में सर्वाधिक रहा.

आईएमडी के महानिदेशक ने कहा कि ''लगातार कमजोर वर्षा गतिविधि'' के कारण मार्च और अप्रैल में उच्च तापमान दर्ज किया गया. उत्तर-पश्चिम भारत में मार्च के दौरान बारिश में करीब 89 फीसदी जबकि अप्रैल में 83 फीसदी गिरावट देखी गई. देश में लोगों को - खासकर उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी भागों में- पिछले कुछ सप्ताह से लू का सामना करना पड़ रहा है. 

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