दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे 7 दिसंबर को घोषित हुए थे, वहीं गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 दिसंबर को आए थे. गुजरात और हिमाचल में नए मुख्यमंत्रियों ने शपथ भी ले ली है, लेकिन दिल्ली एमसीडी के मेयर का चुनाव अब तक नहीं हो पाया है. बताया जाता है कि इसको लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल के नोटिफिकेशन का इंतजार है.
प्रक्रिया है कि दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को उपराज्यपाल को प्रस्ताव भेजना होता है, जिसमें चुनाव और रिजल्ट से संबंधित सारी जानकारी देनी होती है. फिर एलजी नोटिफिकेशन जारी कर सभी पार्षदों के शपथ ग्रहण और मेयर के चयन की पूरी प्रकिया की जानकारी देंगे. चुनाव के रिजल्ट के 5 दिन बाद भी सभी को इसका इंतजार है.
इधर राजनीतिक दलों में मेयर चुनाव को लेकर भी चर्चा गर्म है, कि कौन किसको वोट करेगा, क्योंकि बीजेपी ने चुनाव हारने के बाद भी मेयर पद को लेकर चंडीगढ़ का उदाहरण दिया था.
दिल्ली नगर निगम के मेयर के चुनाव में 250 पार्षदों के अलावा दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद और 3 राज्यसभा सांसद वोट करेंगे. साथ ही दिल्ली विधानसभा के सभापति 14 विधायकों को इसमें वोट डालने के लिए मनोनीत करेंगे. इस तरह कुल 274 सदस्य दिल्ली मेयर को लेकर अपना मत देंगे.
ऐसे में आम आदमी पार्टी के पास सभी को जोड़कर संख्या बल 151 तक पहुंच सकता है. वहीं बीजेपी के सदस्यों की संख्या 111 दिखाई दे रही है. 9 सदस्य कांग्रेस के हैं. संख्या के मुताबिक नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनता दिख रहा है, लेकिन सबको राज्यपाल के नोटिफिकेशन का इंतजार है.
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