देश में 2000 रुपये के नोटों को बिना कोई पहचान बताए बदलने के रिजर्व बैंक के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दाखिल की है. उपाध्याय ने अपनी याचिका में अदालत से आरबीआई और एसबीआई को 2000 के नोट बदलने के लिए आईडी प्रूफ की आवश्यकता को अनिवार्य किए जाने का आदेश देने का अनुरोध किया है.
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ सोमवार को सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी. अदालत ने सुनवाई के बाद 23 मई को इस जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था.
वहीं याचिका का विरोध करते हुए रिजर्व बैंक ने अदालत से अनुरोध किया था कि याचिका को जुर्माने के साथ खारिज किया जाए. रिजर्व बैंक ने कहा कि यह आर्थिक नीतिगत मामला है. अदालत के पहले के फैसले हैं कि आर्थिक नीतिगत मामलों में अदालत दखल नहीं देगी.
बता दें कि चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 2,000 रुपये के नोट का हिस्सा 10.8 प्रतिशत (3.6 लाख करोड़ रुपये) है. इन नोटों को 30 सितंबर तक बदला जा सकता है या बैंक खाते में जमा किया जा सकता है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 24 मई को भरोसा दिलाया था कि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने की प्रक्रिया बिना किसी अड़चन के पूरी होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि केंद्रीय बैंक की स्थिति पर लगातार नजर है. रिजर्व बैंक ने मुद्रा प्रबंधन के तहत 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी.
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