प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली की रोहिणी अदालत से तिहाड़ जेल ले जाने के दौरान चलती जेल वैन में दो गुटों के बीच हुई झड़प में दो कैदियों की मौत हो गई। पांच अन्य व्यक्ति जख्मी हो गए। पुलिस के मुताबिक यह घटना मंगलवार को शाम साढ़े चार बजे हुई। कैदियों को लड़ते हुए देखकर पुलिस कर्मियों ने गाड़ी नहीं रोकी और वैन को सीधे बाहरी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके के भगवान महावीर अस्पताल की ओर ले गए।
बताया जाता है कि शाम 5 बजे जब वैन नीरज बवाना और उसके 6 साथियों और नीतू दाबोदिया गैंग के पारस और प्रदीप को लेकर रोहिड़ी कोर्ट से वापस तिहाड़ जेल जा रही थी, तभी नीरज बवाना ने इशारा किया और अपने साथियों के साथ पारस और प्रदीप के गले को तौलिए से लपेट लिया। वह उन्हें नीचे गिराकर उनके मुंह पर लात और घूंसे बरसाने लगे। उन्होंने उनके सर को बुरी तरह से कुचल दिया जिससे पारस की आंखें अंदर घुस गईं। जब तक वैन में मौजूद पुलिस कर्मी कुछ समझ पाते, तब तक पारस और प्रदीप की मौत हो चुकी थी। इसके बाद ड्राइवर ने बस को पास के भगवान महावीर अस्पताल के पास मोड़ दिया।
पुलिस कर्मियों ने इस गैंगवार की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फोन पर दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘जब कैदियों को अस्पताल लाया गया तो उनमें से दो, जिनकी पहचान पारस गोल्डी और प्रदीप भोला के रूप में हुई है, को मृत घोषित कर दिया गया।’ अधिकारी ने बताया कि मंगोलपुरी थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
वैन में मौजूद नीरज बवाना और उसके 6 साथियों नवीन, सन्नी, सुनील, दिनेश और नवीन को हिरासत में ले लिया है। उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया और फिर मामला दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया। बुधवार को इन सभी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
नीतू दाबोदिया और नीरज बवाना दिल्ली के दो बड़े गैंग हैं। नीतू दाबोदिया एनकाउंटर में मारा गया था। इसके बाद नीतू गैंग का सरगना पारस जे बन गया था। रोहिणी कोर्ट से दोनों गैंगों के सरगना पारस उर्फ़ गोल्डी और नीरज बवाना के साथियों को एक ही बस में वापस तिहाड़ जेल लाया जा रहा था जब यह गैंगवार हुआ। सबसे बड़ा सवाल यह है कि दो बड़े गैंगों के लोगों को एक ही बस में क्यों लाया गया?
बताया जाता है कि शाम 5 बजे जब वैन नीरज बवाना और उसके 6 साथियों और नीतू दाबोदिया गैंग के पारस और प्रदीप को लेकर रोहिड़ी कोर्ट से वापस तिहाड़ जेल जा रही थी, तभी नीरज बवाना ने इशारा किया और अपने साथियों के साथ पारस और प्रदीप के गले को तौलिए से लपेट लिया। वह उन्हें नीचे गिराकर उनके मुंह पर लात और घूंसे बरसाने लगे। उन्होंने उनके सर को बुरी तरह से कुचल दिया जिससे पारस की आंखें अंदर घुस गईं। जब तक वैन में मौजूद पुलिस कर्मी कुछ समझ पाते, तब तक पारस और प्रदीप की मौत हो चुकी थी। इसके बाद ड्राइवर ने बस को पास के भगवान महावीर अस्पताल के पास मोड़ दिया।
पुलिस कर्मियों ने इस गैंगवार की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फोन पर दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘जब कैदियों को अस्पताल लाया गया तो उनमें से दो, जिनकी पहचान पारस गोल्डी और प्रदीप भोला के रूप में हुई है, को मृत घोषित कर दिया गया।’ अधिकारी ने बताया कि मंगोलपुरी थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
वैन में मौजूद नीरज बवाना और उसके 6 साथियों नवीन, सन्नी, सुनील, दिनेश और नवीन को हिरासत में ले लिया है। उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया और फिर मामला दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया। बुधवार को इन सभी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
नीतू दाबोदिया और नीरज बवाना दिल्ली के दो बड़े गैंग हैं। नीतू दाबोदिया एनकाउंटर में मारा गया था। इसके बाद नीतू गैंग का सरगना पारस जे बन गया था। रोहिणी कोर्ट से दोनों गैंगों के सरगना पारस उर्फ़ गोल्डी और नीरज बवाना के साथियों को एक ही बस में वापस तिहाड़ जेल लाया जा रहा था जब यह गैंगवार हुआ। सबसे बड़ा सवाल यह है कि दो बड़े गैंगों के लोगों को एक ही बस में क्यों लाया गया?
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