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This Article is From Apr 26, 2023

मनीष सिसोदिया को अभी तिहाड़ जेल में ही रहना होगा, जमानत याचिका पर फैसला टला

कोर्ट में सीबीआई की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने कहा ने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया को जमानत दी जाती है,तो वह सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.

मनीष सिसोदिया को अभी तिहाड़ जेल में ही रहना होगा, जमानत याचिका पर फैसला टला
मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
नई दिल्ली:

दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत पर फैसला टल गया है. दिल्ली हाईकोर्ट अब सिसोदिया की जमानत पर 28 अप्रैल को शाम 4 बजे फैसला सुनाएगी. तब तक सिसोदिया को तिहाड़ जेल में ही रहना होगा. 

वहीं, केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने दिल्ली हाईकोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया. कोर्ट में सीबीआई की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने कहा ने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया को जमानत दी जाती है,तो वह सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. सिसोदिया और आम आदमी पार्टी की एक कार्यप्रणाली और एक योजना थी.
 

सीबीआई ने कहा, "बहुत व्यवस्थित ढंग से और चालाकी से दिल्ली आबकारी नीति घोटाले को अंजाम दिया गया. मनीष सिसोदिया के साथ विजय नायर मुख्य षड्यंत्रकारी हैं. घोटाले में साजिश की गहरी जड़ें हैं. मामले में मंगलवार को निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल किया है. चार्जशीट पर अभी संज्ञान लिया जाना है. मुख्य आरोपी मनीष सिसोदिया और विजय नायर काफी करीबी थे. विजय नायर आम आदमी पार्टी मीडिया प्रभारी थे. पार्टी की बैठकों में शामिल होते थे. साउथ ग्रुप के साथ हुई बैठक के बाद प्रॉफिट मार्जिन को 5% से बढ़ा कर 12% कर दिया गया."

सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पहली बार सिसोदिया का नाम    
सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को सप्लीमेंट्री चार्जशीट (Supplementary Chargesheet) दाखिल की है. चार्जशीट में पहली बार मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) का नाम आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है. सिसोदिया के अलावा सीबीआई की चार्जशीट में बुच्ची बाबू,अर्जुन पांडेय, अमनदीप ढाल और भारत राष्ट्र समिति की नेता और तेलंगाना सीएम केसीआर की बेटी के कविता का नाम भी है.

सीबीआई ने चार्जशीट में सबूत नष्ट करने के अलावा धोखाधड़ी की धारा 420 भी जोड़ी है. आईपीसी की धारा 477-ए को हटा दिया गया है. इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के 8 और 12 धारा को जोड़ा गया है. सूत्रों का कहना है कि इसे अभी भी लापता 'कैबिनेट नोट' के कारण जोड़ा गया है. इस कैबिनेट नोट को कैबिनेट और जीओएम के सामने पेश किया जाना था. सीबीआई का कहना है कि लापता मोबाइल फोन के रूप में सबूतों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया जा रहा है. हालांकि, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आप ने इन दावों को खारिज किया है.

26 फरवरी को हुए थे गिरफ्तार
सिसोदिया को 26 फरवरी को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था. हिरासत में पूछताछ के दौरान, एजेंसी ने सिसोदिया का सामना आबकारी विभाग में उनके तत्कालीन सचिव सी अरविंद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरावा गोपी कृष्ण से कराया गया था. फिलहाल सिसोदिया 1 मई तक न्यायिक हिरासत में हैं.

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