
- भारत में तेज रफ्तार कारों के कारण सड़क हादसे अक्सर होते हैं और आरोपी कमजोर धाराओं से बच जाते हैं
- बीएमडब्ल्यू हादसे में वित्त मंत्रालय के अधिकारी की मौत के बाद आरोपी गगनप्रीत के खिलाफ चार धाराएं लगाई गईं
- धारा 281 के तहत लापरवाही से वाहन चलाने पर सात साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है
Delhi BMW Car Crash: भारत में सड़क हादसे एक बड़ी चुनौती रही है. खासकर महानगरों में तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से लोगों की मौत होती है. अधिकतर मामलों में आरोपी या तो बच जाते हैं या कमजोर धाराओं के कारण उन्हें सजा नहीं मिलती है. राजधानी में बीते दिनों जो बीएमडब्लू हादसा हुआ, उसमें वित्त मंत्रालय के अधिकारी की मौत के बाद देश भर में इसकी चर्चा हो रही है. पुलिस ने गगनप्रीत नाम की महिला के खिलाफ चार मुख्य धाराएं लगाई हैं. पुलिस ने बीएनएस की धारा 281, 125B, 105 और 238 के तहत मामला दर्ज किया है. और अब न्यायालय में यह तय होना है कि किन धाराओं में कितनी सजा हो सकती है.
धारा 281 – लापरवाही से वाहन चलाना
अगर कोई व्यक्ति सड़क पर लापरवाही से वाहन चलाता है और इससे हादसा होता है, तो इस धारा के तहत 7 साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है. न्यूनतम सजा तय नहीं है, इसलिए अदालत मामले को देखकर सजा का फैसला करती है.
धारा 125B – दूसरों की जान को खतरे में डालना
इस धारा में अगर किसी की लापरवाही से किसी की जान खतरे में पड़ती है तो 3 महीने से 6 महीने तक की सजा हो सकती है. अगर चोट गंभीर है तो सजा 3 साल तक बढ़ सकती है. इसके साथ जुर्माने का भी प्रावधान है.
धारा 105 – गैर-इरादतन हत्या
यह सबसे गंभीर धारा है.अगर अदालत मानती है कि आरोपी ने ऐसा काम किया जिससे मौत होने की आशंका थी, तो इसे गैर-इरादतन हत्या माना जाता है. इसमें कम से कम 5 साल और अधिकतम 10 साल तक की जेल हो सकती है. गंभीर हालात में अदालत आजीवन कारावास भी दे सकती है.
धारा 238 – सबूत मिटाना या गलत जानकारी देना
अगर आरोपी पर सबूत छुपाने या पुलिस को गुमराह करने का आरोप साबित होता है, तो इस धारा के तहत कुछ महीनों से लेकर 7 साल तक की सजा हो सकती है.
कुल मिलाकर सजा कितनी हो सकती है?
अगर सभी धाराएं पूरी तरह साबित हो जाती हैं तो गगनप्रीत को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. लेकिन अगर अदालत मानती है कि हादसा महज लापरवाही से हुआ था और सबूत मिटाने जैसी धाराएं साबित नहीं होतीं, तो सजा कुछ महीनों से लेकर कुछ सालों तक ही हो सकती है.
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