- दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन ब्लास्ट मामले में आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
- आरोपियों ने 2025 में विस्फोटक पूरी तरह तैयार कर सुरक्षाबलों के खिलाफ इस्तेमाल करने की साजिश रची थी.
- हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के तीन लोगों को गिरफ्तार करने से आरोपियों की का प्लान फेल हो गया था.
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन ब्लास्ट मामले में आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. एनडीटीवी को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने विस्फोटक को पूरी तरह से तैयार कर लिया था और उसे जम्मू-कश्मीर भेजने की तैयारी थी. इस विस्फोटक को सुरक्षाबलों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाना था. हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के कुछ लोगों को पकड़ने के बाद उनकी योजना विफल हो गई थी. साथ ही सामने आया है कि आरोपी उमर ने छह महीने में ही चाइजीन भाषा सीख ली थी और आरोपी एक चाईनीज कोर ग्रुप में ही बात करते थे.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दिल्ली धमाकों की जांच में जुटी है. एनआईए की पूछताछ में आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने पूछताछ में कहा कि मैंने 2023 में उमर और अदील के साथ मिलकर लाल रंग की ईको स्पोर्ट्स कार से नूंह और मेवात से फर्टीलाइजर खरीदकर इकठ्ठा करना शुरू किया.
TATP तैयार करने में जुटे थे आरोपी
मुजम्मिल ने जांच में बताया कि हम धीरे-धीरे अल फलाह यूनिवर्सिटी में अपने-अपने रूम और अन्य ठिकानों पर इसे स्टोर कर रहे थे. साथ ही उसने बताया कि हम डॉक्टर हैं, इसलिए अल फलाह में डॉक्टरों के वाहनों की चेकिंग नहीं होती है. इसलिए हम पर किसी का शक नहीं गया.
जांच में मुजम्मिल ने कहा कि उमर अपने कमरे में टेस्टिंग भी करता था. उसी दौरान हम TATP (ट्रायएसीटोन ट्राइपेरोक्साइड) भी तैयार कर रहे थे और ACETONE भी हमारे पास था. उसने बताया कि उमर उस दौरान हैरिसन किताब अपने पास रखता था और उसे ये किताब कंठस्थ याद थी.
ऐसे फेल हो गया आरोपियों का प्लान
मुजम्मिल ने जांच में बताया कि हमने साल 2025 में विस्फोटक को पूरी तरह से तैयार कर लिया था. विस्फोटक की एक बड़ी खेप हम जम्मू कश्मीर ले जाने वाले थे, जहां हम उसे सुरक्षाबलों के खिलाफ इस्तेमाल करने वाले थे. हालांकि अक्तूबर में जम्मू कश्मीर पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ लिया, जिसमे दो पोस्टर लगाने वाले लड़के थे और एक प्रिंटिंग प्रेस वाला था, जिसने वह पोस्टर छापे थे.
मुजम्मिल ने खुलासा किया है कि जब उनसे जम्मू कश्मीर पुलिस की पूछताछ हुई तो उन्होंने मुफ्ती इरफान का नाम बताया, जिसके इशारे पर यह पोस्टर जम्मू-कश्मीर मे लगाए गए थे. 18 अक्टूबर को पुलिस मुफ्ती को पकड़ लेती है. उसने बताया कि मुफ्ती की गिरफ्तारी से हमारे प्लेन का पर्दाफाश हो गया क्योंकि उसके मोबाइल फोन में हम सभी का एक ग्रुप बना हुआ था, जिसके बाद फरीदाबाद से मेरी गिरफ्तारी हो जाती है.
साथ ही खुलासा किया कि तापमान को कंट्रोल करने के लिए उमर के फ्लैट में एक डीप फ्रीजर था. उमर ने महज 6 महीने में फर्राटेदार चाईनीज भाषा सीख ली थी. वह चाईनीज लिख और बोल सकता था. हम सब एक चाईनीज कोर ग्रुप में ही बात करते थे.
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