दिल्ली : बीजेपी ने 40 गांवों के नए नाम की लिस्ट बनाई, लता मंगेशकर-छोटू राम जैसे बड़े नाम

दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के दफ्तर में भी बुलडोजर के प्रतीक रखे गए हैं अब वो 40 गांव के नाम किन शख्सियत के नाम पर हो.

नई दिल्ली:

यूपी की राजनीति का ट्रेडमार्क बुलडोजर (Bulldozer) और नाम बदलने की सियासत का असर अब दिल्ली की राजनीति पर भी दिखाई दे रहा है. बीजेपी इस मामले में आक्रामक रुख अपनाए हुए है, जबकि अन्य दल सधी हुई प्रतिक्रिया दे रहे हैं.बीजेपी ने मोहम्मद पुर गांव के बाहर माधव पुरम का बोर्ड लगा दिया. अब 40 गांव का नाम (names of 40 villages) पर क्या सियासत हो रही है. पहले उत्तर प्रदेश (UP) और अब दिल्ली की सियासत में भी नाम बदलने और बुलडोजर की इंट्री हो चुकी है. दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के दफ्तर में भी बुलडोजर के प्रतीक रखे गए हैं अब वो 40 गांव के नाम किन शख्सियत के नाम पर हो.

इसकी फेहरिस्त भी तैयार कराने में जुटे हैं. लता मंगेशकर, किरोड़ी मल बैंसला, अशफाक उल्ला, रामनाथ गोयनका, गायक मोहम्मद रफी, छोटू राम, बाल्मिकी जैसे महापुरुषों के नाम पर रखने का सुझाव दिया है. जाहिर है बीजेपी नाम बदलने और बुलडोजर के दम पर अब सियासी फायदा उठाने की जुगत में है. दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, नाम के साथ एक राष्ट्रवाद होता है. सोचिए चार सौ साल पहले मुगल आए उन्होंने यहां जिया सराय बनाया, लाडो सराय बनाया. पहले मुगलों की सेना अत्याचार करती थी,  अब देश या दिल्ली में सराय नहीं हैं, केजरीवाल जी को ग्रामसभा की बात माननी चाहिए. उधर मुस्लिम बहुल इलाकों में बुलडोजर चलाने का मामला हो या गांव का नाम बदलने का.

इस पर दूसरे राजनीतिक दल सतर्कता से प्रतिक्रिया दे रहे हैं. आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने बीजेपी को याद दिलाया कि बीते 15 साल निगम की सत्ता में है, उन्होंने गांव के विकास के लिए क्या काम किया?  गोपाल राय ने कहा, बीजेपी अब अपने कार्यकर्ताओं को भी गांवों में सक्रिय कर रही है ताकि गांव के नाम बदलने, रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का बार बार नाम लेकर सियासी फायदा उठाया जाए. 

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दिल्ली के गांव स्कूल, अस्पताल, पार्किंग और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमियों से जूझ रहे हैं. ऐसे में इन संवेदनशील मुद्दों पर सियासत करके वोट मांगना बीजेपी की दिल्ली के लिहाज से नई रणनीति है. गौरतलब है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दौरान हिंसा और फिर वहां बुलडोजर के जरिये अतिक्रमण हटाए जाने के बाद से यह मुद्दा गरमाया हुआ है. बीजेपी ने अब नाम बदलने को लेकर अभियान तेज कर दिया है.