AQI Dehradun: पहाड़ों की रानी मसूरी के द्वार और अपनी शुद्ध आबोहवा के लिए मशहूर देहरादून की हवा अब जहरीली होती जा रही है. पिछले 48 घंटों में शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'खराब' श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे दूनवासियों की चिंताएं बढ़ गई हैं. स्थिति यह है कि कई इलाकों में रात के समय प्रदूषण का स्तर दिल्ली जैसा खतरनाक महसूस होने लगा है.
आंकड़ों में दून की 'बिगड़ी' सेहत
दून विश्वविद्यालय के प्रदूषण निगरानी केंद्र के आंकड़ों ने खतरे की घंटी बजा दी है. बुधवार को औसत एक्यूआई 267 दर्ज किया गया. प्रदूषण का अधिकतम स्तर 291 तक पहुंच गया. प्रोफेसर विजय श्रीधर के बताया कि रात के समय हवा का प्रवाह कम होने से एक्यूआई 300 के पार (Very Poor category) चला जा रहा है.
प्रदूषण के 3 बड़े कारण
विशेषज्ञों ने देहरादून में स्मॉग और बढ़ते प्रदूषण के लिए इन मुख्य कारणों को जिम्मेदार ठहराया है.
- शहर की सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों की संख्या और घंटों लगने वाला जाम.
- रिहायशी इलाकों में खुले में कूड़ा-कचरा जलाना हवा को जहरीला बना रहा है.
- जंगलों में लगने वाली आग का धुआं भी दून की घाटी में जमा हो रहा है.
स्मार्ट सिटी के 'डिस्प्ले' फेल, लोगों में भ्रम
प्रदूषण की सटीक जानकारी देने के लिए शहर में लगाए गए 'स्मार्ट एलईडी डिस्प्ले' ही अब सवालों के घेरे में हैं. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ये डिस्प्ले कई दिनों पुरानी जानकारी दिखा रहे हैं. जब हवा की गुणवत्ता 'खराब' है, तब भी कई मीटरों पर पुरानी और संतोषजनक रीडिंग दिख रही है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खतरनाक है.
बच्चों और बुजुर्गों के लिए 'रेड अलर्ट'
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि हवा की बिगड़ती गुणवत्ता का सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. गले में चुभन, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी है. विशेषज्ञों ने सुबह और देर रात 'आउटडोर एक्टिविटी' से बचने और मास्क का प्रयोग शुरू करने की सलाह दी है.
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