राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन खत्म हो गया. अनशन के बाद सचिन पायलट ने कहा, "मैंने सिर्फ करप्शन पर कार्रवाई के उद्देश्य के लिए अनशन रखा था. अगर कोई बात संगठन की होती, तो मैं संगठन से बात करता. साल भर से मैं मुख्यमंत्री से मांग कर रहा था. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हमारा संघर्ष जारी रहेगा."
सचिन पायलट ने कहा- 'सुखजिंदर सिंह रंधावा कुछ दिन पहले ही प्रभारी बने हैं. मैंने पूर्व के प्रभारियों से भी बात की थी, लेकिन यह भ्रष्टाचार का मामला अभी तक बना हुआ है. हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना चाहिए. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.'
Sukhjinder Singh Randhawa became in charge a few days ago. I had also talked to the earlier in-charge but this corruption issue is still there. We should speak against corruption and our fight against corruption will continue: Congress MLA Sachin Pilot https://t.co/yiCXYqTKs2 pic.twitter.com/mMeDVL3wE2
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 11, 2023
करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी
पायलट ने कहा-"भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी रही है. ऐसे में कार्रवाई भी होनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि कार्रवाई जरूर होगी. भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. हम चाहते हैं कि देश और प्रदेश में स्वच्छ राजनीति हो."
वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग
पायलट बीजेपी की सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर सीएम गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे थे. वे सुबह अपने समर्थकों के साथ शहीद स्मारक पहुंचे. हालांकि, इन अनशन से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दूरी बनाई. गांधी परिवार को कई सदस्य अनशन में नहीं दिखा.
राहुल-सोनिया पोस्टर से गायब
सचिन पायल ने अपने धरनास्थल पर लगे पोस्टरों में न राहुल-सोनिया का फोटो लगाया गया, ना ही कांग्रेस का चिह्न. पोस्टर पर सिर्फ महात्मा गांधी की फोटो लगाई गई. उधर, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जयपुर दौरा रद्द कर दिया. रंधावा ने पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी बताया था.
वसुंधरा राजे सरकार पर 45 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप
इससे पहले 9 अप्रैल को सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वसुंधरा राजे सरकार पर करीब 45 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. अशोक गहलोत ने वादा किया था कि सरकार में आने पर इनकी जांच कर कार्रवाई करेंगे, लेकिन सवा चार साल बीतने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. पायलट ने कहा- 'मैंने दो बार मुख्यमंत्री गहलोत को इस संबंध में चिट्ठी लिखी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए कार्रवाई की मांग को लेकर मैं अनशन पर बैठ रहा हूं.'
बहरहाल, सचिन पायलट का भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन ऐसे समय में हुआ, जब कांग्रेस राजस्थान में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और विधानसभा उपचुनावों के लिए कमर कस रही है. पायलट के कदम को गहलोत पर दबाव बनाने और राज्य की राजनीति में अपना प्रभाव बढ़ाने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है.
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