वित्त मंत्री अरुण जेटली से सवाल
नई दिल्ली:
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया हुआ है. इसे लेकर कोर्ट में हुई जिरह के दौरान अरुण जेटली कई बार भावुक हो गए. कोर्ट में सोमवार को वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी की तरफ से अरुण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए. इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे, एक-तिहाई सवालों को कोर्ट की तरफ से अयोग्य करार दिया गया. इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई होगी. उम्मीद है कि आज भी सवाल-जवाब होंगे, जिनका जवाब दोनों पक्षों को देना पड़ सकता है.
कम से कम दो घंटे तक चली इस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि 'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? और उसे आंका नहीं जा सकता.' और कहीं यह मामला 'खुद को महान समझने' का तो नहीं है. पूर्व बीजेपी नेता राम जेठलमलानी इस केस को केजरीवाल की तरफ से लड़ रहे थे और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल के जवाब की मांग की कि मानहानि का दावा क्यों? इस मामले पर अरुण जेटली का कहना था कि पूरे राजनीतिक जीवन में आलोचना को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा, क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए.
सुनवाई के दौरान जेटली काफी भावुक होते नज़र आए. उन्होंने कहा कि 'मेरे ख़िलाफ़ जो भी आरोप लगाए गए वो मीडिया मे जाकर लगाये गए,पार्लियामेंट मे भी इसी तरह के सवाल मेरे ऊपर खड़े किये गए, मेरी छवि को ख़राब करने की कोशिश की गई और ये लगातार 5 दिन तक किया गया. मेरी छवि को जिस तरह से ख़राब किया गया उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती और ये तब भी किया जाता रहा जबकि की मैं इन आरोपो का लगातार खंडन करता रहा.'
दिल्ली हाइकोर्ट में जेठमलानी ने जेटली से पूछा - इसके पीछे कोई परोक्ष तर्कसंगत कारण तो नज़र नहीं आता सिवाय इसके कि आप खुद अपने बारे में ऐसा सोचते हैं? इस पर जेटली ने जवाब दिया - मेरे सम्मान को पहुंचे नुकसान के लिए जो मैंने कीमत लगाई है वो उस बड़ी क्षति का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है जो दरअसल मुझे पहुंची है.
जेठमलानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है और यही वजह है कि वह कह रहे हैं कि इसे मापा नहीं जा सकता? उन्होंने पूछा कि जेटली को ऐसा क्यों लगता है कि उनको पहुंचे नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती? जेटली ने कहा 'मेरी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस की कुछ हद तक कीमत में आंका जा सकता है. सम्मान के खोने से बदनाम हुए व्यक्ति को दिमागी तनाव पहुंचता है और मेरे साथ भी यही हुआ है.' जेटली ने आगे कहा 'मेरे ओहदे, बैकग्राउंड और प्रतिष्ठा को देखें तो मेरे सम्मान को इतना बड़ा नुकसान पहुंचा है कि उसे मापा नहीं जा सकता.'
इस पर जेठमलानी ने पलटवार करते हुए कहा 'दूसरे शब्दों में यह आपका मानना है कि आप इतने महान हैं कि इसे आर्थिक तौर पर नहीं मापा जा सकता.' इस पर फिर जेटली ने जवाब दिया कि उन्होंने यह सब उन विचारों के आधार पर कहा है जो उनके दोस्त, शुभचिंतक और अन्य लोग, निजी और सार्वजनिक तौर पर इस विषय पर जाहिर कर चुके हैं.
क्या है मामला
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब जेटली दिल्ली क्रिकेट बॉडी (DDCA) के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी.
कम से कम दो घंटे तक चली इस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि 'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? और उसे आंका नहीं जा सकता.' और कहीं यह मामला 'खुद को महान समझने' का तो नहीं है. पूर्व बीजेपी नेता राम जेठलमलानी इस केस को केजरीवाल की तरफ से लड़ रहे थे और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल के जवाब की मांग की कि मानहानि का दावा क्यों? इस मामले पर अरुण जेटली का कहना था कि पूरे राजनीतिक जीवन में आलोचना को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा, क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए.
सुनवाई के दौरान जेटली काफी भावुक होते नज़र आए. उन्होंने कहा कि 'मेरे ख़िलाफ़ जो भी आरोप लगाए गए वो मीडिया मे जाकर लगाये गए,पार्लियामेंट मे भी इसी तरह के सवाल मेरे ऊपर खड़े किये गए, मेरी छवि को ख़राब करने की कोशिश की गई और ये लगातार 5 दिन तक किया गया. मेरी छवि को जिस तरह से ख़राब किया गया उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती और ये तब भी किया जाता रहा जबकि की मैं इन आरोपो का लगातार खंडन करता रहा.'
दिल्ली हाइकोर्ट में जेठमलानी ने जेटली से पूछा - इसके पीछे कोई परोक्ष तर्कसंगत कारण तो नज़र नहीं आता सिवाय इसके कि आप खुद अपने बारे में ऐसा सोचते हैं? इस पर जेटली ने जवाब दिया - मेरे सम्मान को पहुंचे नुकसान के लिए जो मैंने कीमत लगाई है वो उस बड़ी क्षति का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है जो दरअसल मुझे पहुंची है.
जेठमलानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है और यही वजह है कि वह कह रहे हैं कि इसे मापा नहीं जा सकता? उन्होंने पूछा कि जेटली को ऐसा क्यों लगता है कि उनको पहुंचे नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती? जेटली ने कहा 'मेरी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस की कुछ हद तक कीमत में आंका जा सकता है. सम्मान के खोने से बदनाम हुए व्यक्ति को दिमागी तनाव पहुंचता है और मेरे साथ भी यही हुआ है.' जेटली ने आगे कहा 'मेरे ओहदे, बैकग्राउंड और प्रतिष्ठा को देखें तो मेरे सम्मान को इतना बड़ा नुकसान पहुंचा है कि उसे मापा नहीं जा सकता.'
इस पर जेठमलानी ने पलटवार करते हुए कहा 'दूसरे शब्दों में यह आपका मानना है कि आप इतने महान हैं कि इसे आर्थिक तौर पर नहीं मापा जा सकता.' इस पर फिर जेटली ने जवाब दिया कि उन्होंने यह सब उन विचारों के आधार पर कहा है जो उनके दोस्त, शुभचिंतक और अन्य लोग, निजी और सार्वजनिक तौर पर इस विषय पर जाहिर कर चुके हैं.
क्या है मामला
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब जेटली दिल्ली क्रिकेट बॉडी (DDCA) के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी.
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