- यूनेस्को ने भारत के प्रमुख पर्व दीपावली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया है.
- दीपावली भारतीय आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक एकता का महत्वपूर्ण प्रतीक है.
- यूनेस्को का यह निर्णय भारत की सांस्कृतिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर संरक्षित करने में सहायक होगा.
भारत के लिए गर्व का क्षण है. यूनेस्को ने भारत के प्रमुख पर्व दीपावली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (Intangible Cultural Heritage) की सूची में शामिल कर लिया है. यह फैसला यूनेस्को की अंतरराष्ट्रीय समिति की बैठक में लिया गया, जिससे भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर नई मान्यता मिली है.
क्यों है यह महत्वपूर्ण?
यह पर्व भारत की आध्यात्मिकता, विविधता और सामाजिक एकता को दर्शाता है. यूनेस्को का यह कदम भारतीय परंपराओं को संरक्षित करने और विश्वभर में उनके महत्व को बढ़ाने में मदद करेगा.
🔴 BREAKING
— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳 (@UNESCO) December 10, 2025
New inscription on the #IntangibleHeritage List: Deepavali, #India🇮🇳.
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दीपावली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रतीक है. जो हमें आंतरिक ज्योति जलाने, बुराई पर अच्छाई की जीत और जीवन में सकारात्मकता लाने का संदेश देता है, जैसा कि भगवान राम के अयोध्या लौटने पर दीपों से नगर को सजाने की परंपरा में झलकता है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या बदलेगा?
- दीपावली को अब ग्लोबल पहचान मिलेगी.
- दुनिया भर में सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा.
- टूरिज्म और रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा.
- भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर मजबूती मिलेगी.
UNESCO की लिस्ट में भारतीय परंपराएं
दीपावली से पहले भारत की कई सांस्कृतिक परंपराएं यूनेस्को की सूची में शामिल हो चुकी हैं, जैसे:
- कुंभ मेला
- गरबा
- दुर्गा पूजा
- योग
UNESCO को मिले 78 देशों के 67 नामांकन
यूनेस्को की बैठक में 150 देशों के 700 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने अमूर्त धरोहरों पर विचार किया. इस साल 78 देशों के 67 नामांकन अमूर्त धरोहर के प्रस्ताव आए थे जिनपर विचार हुआ. दीपावली के पक्ष में भारत ने कहा कि दीपावली केवल त्योहार भर नहीं बल्कि बुराई पर अच्छाई, शांति,समृद्धि के प्रतीक के तौर पर मनाई जाती है. इस त्योहार को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपी गई विरासत के तौर पर मनाया जाता है.
दिल्ली में आज शाम फिर मनेगी दिवाली
बता दें कि इस फैसले के साथ ही दिल्ली में आज कई जगहों पर दिवाली भी मनाई जा रही है. लालकिला, चांदनी चौक, इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, कर्तव्य पथ जैसे दिल्ली के फेमस जगहों पर रंगोली बनाई जा रही हैं. दीया जलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. कई सरकारी इमारतों को भी दीपावली की तरह रोशनी से सराबोर किया जाएगा.
दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा के अनुसार, शहर के सभी प्रमुख ऐतिहासिक और सरकारी भवनों को दीयों और सजावटी लाइट्स से सजाया जाएगा. मुख्य कार्यक्रम लाल किला परिसर में होगा, जबकि उसके आसपास का चांदनी चौक इलाका रंगोली, रोशनी और आतिशबाजी से सजेगा.
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