
- हरियाणा के IPS वाई पूरन कुमार ने मानसिक उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या की है, जिससे सियासी संकट खड़ा हो गया
- चंडीगढ़ पुलिस ने पूरन कुमार के परिवार की मांग पर SC/ST एक्ट की गंभीर धारा 3(2)(वी) एफआईआर में शामिल की है
- कांग्रेस ने इस मामले में उचित जांच न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने सूबे की सियासत में हंगामा मचा रखा है. कांग्रेस ने इस मामले में उचित जांच न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. दलितों ने आज चंडीगड़ में इसे लेकर महापंचायत बुलाई है. इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहली बार इस मामले पर प्रतिक्रिया दी. सीएम सैनी ने इसे 'बहुत दुखद हादसा' बताते हुए कहा कि सरकार इसकी गहन जांच कराएगी और दोषियों को सजा दिलाएगी, चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हों. इस बीच चंडीगढ़ पुलिस ने देर रात पूरन कुमार के परिवार की एक मांग को मानते हुए एफआईआर में लगाए गये अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST Act) एक्ट में धारा 3(2)(वी) को जोड़ दिया है. परिवार लगातार ये धारा जोड़ने की मांग कर रहा था. परिवार का कहना था कि एफआईआर में SC/ST एक्ट तो लगाया गया है, लेकिन उसके सख्त सेक्शन नहीं लगाए गए हैं.
अनुसूचित जाति/जनजाति की गंभीर धाराएं भी जुड़ी...
अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट की धारा 3(2)(वी) के प्रावधान को तब लागू किया जाता है, जब किसी अनुसूचित जाति या जनजाति के व्यक्ति को उसकी जाति के आधार पर गंभीर चोट या मृत्यु का सामना करना पड़ता है. एफआईआर में जोड़ी गई, इस नई धारा में प्रावधान ये है कि अगर किसी अनुसूचित जाति या जनजाति के व्यक्ति के साथ उसकी जाति के कारण ऐसा अपराध किया जाए, जिससे उसकी गंभीर चोट या मृत्यु हो जाए तो दोषी को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है. पहले दर्ज की गई धाराओं में अधिकतम सजा 5 साल तक थी, जबकि इस नई धारा में आजीवन कारावास का प्रावधान है.
चंडीगढ़ में आज महापंचायत, कांग्रेस की चेतावनी
आईपीएस पूरन का पोस्टमार्टम अब तक नहीं हुआ है, जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं. इस बीच चंडीगढ़ में रविवार को पूरन कुमार मामले पर महापंचायत होने जा रही है, जिसमें देशभर से दलित संगठन के लोग हिस्सा ले सकते हैं. इसे लेकर चंडीगढ़ पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. कांग्रेस नेता राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि मजबूरन आत्महत्या के चलते पूरे देश में चिंता का माहौल है. सही सोच के लोगों की आंखों में चिंता है. राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले में हरियाणा सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता इस मामले में न्याय चाहते हैं. उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने आदेश दे दिए हैं कि आने वाले 3 दिनों में कांग्रेस जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करें ताकि लोगों को पता लगे कि हम परिवार के साथ खड़े हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को हरियाणा आईपीएस वाई. पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की. इस दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा कि परिवार के दुख को शब्दों में नहीं बताया जा सकता. सीएम भगवंत मान ने कहा कि अमनीत पी. कुमार हरियाणा में आईएएस हैं, पंजाब की बेटी और सीनियर अधिकारी हैं, लेकिन उनको भी इंसाफ की गुहार लगानी पड़ रही है.
IPS पूरन कुमार के सुसाइड नोट में क्या-क्या आरोप?
- 2020 में भेदभाव, अपमान, मानसिक उत्पीड़न शुरू हुआ
- तत्कालीन DGP मनोज यादव ने मेरा उत्पीड़न शुरू किया
- हरियाणा कैडर के अन्य अधिकारी आज भी प्रताड़ित कर रहे
- तत्कालीन ACS गृह राजीव अरोड़ा ने मुझे छुट्टियां नहीं दी
- मैं अपने बीमार पिता से मिलने तक नहीं जा सका
- वर्षों तक मुझे मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ा
- मेरे खिलाफ छद्म नामों से दुर्भावनापूर्ण शिकायतें की गईं
- सार्वजनिक रूप से मुझे अपमानित और शर्मिंदा किया गया
- मेरे द्वारा की गई शिकायतों की जांच तक नहीं की गई
- सरकारी आवास के लिए मेरे ऊपर अतिरिक्त नियम लागू किए
- नवंबर 2023 में मेरा सरकारी वाहन वापस ले लिया गया
- मैं और अधिक प्रताड़ता बर्दाश्त नहीं कर सकता
- इसीलिए मैंने सबकुछ खत्म करने का निर्णय लिया है
कौन थे पूरन कुमार ?
- आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे IPS पूरन कुमार
- पूरन कुमार अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक
- IPS पूरन कुमार पहले भी लगाए थे DGP पर आरोप
- हाल ही में हुआ था IPS पूरन कुमार का ट्रांसफर
IPS सुसाइड के कितने किरदार?
- अनुराग रस्तोगी (मुख्य सचिव)
- टी.वी.एस.एन. प्रसाद (पूर्व मुख्य सचिव)
- राजीव अरोड़ा (पूर्व एसीएस)
- शत्रुजीत कपूर (डीजीपी)
- मनोज यादव (पूर्व डीजीपी)
- पी. के. अग्रवाल (पूर्व डीजीपी)
- कला रामचंद्रन (प्रिंसिपल सेक्रेटरी)
- संदीप खिर्वर (एडीजीपी)
- अमिताभ ढिल्लों (एडीजीपी)
- संजय कुमार (एडीजीपी)
- माता रवि किरण (एडीजीपी)
- शिवास कविराज (आईपीएस)
- पंकज नैन (आईजी)
- कुलविंदर सिंह (आईजी)
- नरेंद्र बिजरनिया (एसपी, रोहतक)
हरियाणा सरकार ने दलित आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार आत्महत्या मामले में रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को उनके पद से हटा दिया गया है. अब उनकी जगह पर इस पद की जिम्मेदारी सुरेंद्र सिंह भौरिया को सौंपी गई है. हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने यह जानकारी अधिसूचना जारी करके दी है. वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों का जिक्र किया था, उन सभी के खिलाफ गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सुसाइड नोट में जिन 15 सेवारत और सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का जिक्र है, उनमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया का नाम शामिल था. बता दें कि हरियाणा के वरिष्ठ दलित आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या कर ली, जिसे लेकर अब लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. लोग इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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