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This Article is From Sep 05, 2022

'बहुत ही विनम्र और दयालु थे..': पूर्व नौकरशाह ने सायरस मिस्त्री को किया याद

गणेश जगताप ने कहा कि सायरस को हमेशा सड़क मार्ग से यात्रा करना पसंद था. हवाई यात्रा का विकल्प उपलब्ध होने पर भी साइरस ने सड़क यात्रा को प्राथमिकता दी.

'बहुत ही विनम्र और दयालु थे..': पूर्व नौकरशाह ने सायरस मिस्त्री को किया याद
मुंबई:

पूर्व नौकरशाह गणेश जगताप ने टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री के निधन पर उनको याद किया. गणेश जगताप ने कहा कि वह दयालु स्वभाव और महाराष्ट्रियन भोजन के प्रति उनके प्रेम को याद करेंगे. वो बहुत विनम्र और डाउन टू अर्थ थे. जब हम पहली बार उनसे मिले तो साइरस ऐसा ही था. वह हमेशा ऐसा ही था. सायरस मिस्त्री की रविवार को मुंबई के पास एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी.

गणेश जगताप ने महाराष्ट्र और गुजरात में अपनी कुछ यात्राओं को याद करते हुए कहा, "वह वड़ा पाव, पाव भाजी जैसे सड़क किनारे के भोजन और सड़क किनारे विक्रेताओं की चाय के बहुत शौकीन थे." उन्होंने कहा कि मिस्त्री विशेष रूप से महाराष्ट्रियन खाने के शौकीन थे.

पूर्व गृह मंत्री आरआर पाटिल के सहयोगी के रूप में काम करने वाले और पूर्व डिप्टी कलेक्टर गणेश जगताप ने कहा कि जब भी भूमि अधिग्रहण का मामला होता था, मिस्त्री उन्हें फोन करते थे. उन्हें हमेशा सड़क मार्ग से यात्रा करना पसंद था. उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा का विकल्प उपलब्ध होने पर भी साइरस ने सड़क यात्रा को प्राथमिकता दी.

जगताप ने कहा, "उनकी खास विशेषता उनका जमीन से जुड़ा रवैया और सादगी थी. हमारी साइट के दौरे के दौरान, वह कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कुशलक्षेम के बारे में पूछताछ करते थे. वह मुझे मेरी कार तक छोड़ने के लिए अपने कार्यालय से बाहर आते थे."

नौकरशाह से उद्यमी बने जगताप ने कहा कि वह मिस्त्री के साथ गुजरात गए थे, जब उन्होंने एक बंदरगाह के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए आग्रह किया था. जब नए भूमि अधिग्रहण का स्थानीय विरोध हुआ, तो दरों में संशोधन किया गया और एक उच्च मुआवजे की पेशकश की गई. साइरस ने संशोधित उच्च दरों को उन लोगों पर लागू करने का फैसला किया, जिनकी जमीन पहले ही अधिग्रहित की गई थी, भले ही कानूनी तौर पर वह ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं थे.

जगताप ने कहा कि सारयस ने उन मालिकों को लाभ देने का फैसला किया जिनकी जमीन पुरानी दरों के अनुसार अधिग्रहित की गई थी. इस फैसले पर ₹15 करोड़ की अतिरिक्त लागत आई, लेकिन इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा.

उन्होंने कहा, "ऐसा गुण दुर्लभ है. उनके एक निर्णय ने कंपनी के प्रति लोगों के दृष्टिकोण को बदल दिया और उन्होंने आगे की प्रक्रियाओं में भी सहयोग किया. वह दूसरों के लिए मेरी सिफारिश करते थे. उन्होंने रास्ते से हटकर मेरी मदद की. मैं इसे निश्चित रूप से याद करूंगा."
 

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