भू-धंसाव ग्रस्त जोशीमठ में सोमवार तक 190 परिवारों को अंतरिम सहायता के रूप में 2.85 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं, जबकि अज्ञात भूमिगत जलस्रोत से हो रहा पानी का रिसाव घटकर 163 लीटर प्रति मिनट रह गया. प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने यहां बताया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से अंतरिम सहायता के रूप में 190 प्रभावित परिवारों को 2.85 करोड़ रुपये वितरित कर दिए गए हैं. उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि जोशीमठ में छह जनवरी को निकलने वाले पानी का रिसाव 540 लीटर प्रति मिनट से घटकर अब 163 लीटर प्रति मिनट रह गया है. इससे पहले भी रिसाव में कुछ कमी दर्ज की गयी थी, लेकिन रविवार को फिर इसमें बढ़ोतरी होने से प्रशासन की चिंता बढ़ गयी थी.
13 जनवरी को दर्ज 190 लीटर प्रति मिनट का जल रिसाव दो दिन तक कम रहने के बाद रविवार को बढ़कर फिर 240 लीटर प्रति मिनट हो गया था. सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार के स्तर पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान द्वारा भवनों को हुई क्षति का आकलन करने के लिए उन पर 'क्रेक मीटर' लगाये गये है. उन्होंने बताया कि अभी तक 400 मकानों की क्षति का आकलन किया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि दरार वाले भवनों की संख्या सोमवार को बढ़कर 849 हो गयी जिनमें से 165 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. अभी तक 237 परिवारों के 800 सदस्यों को अस्थाई राहत शिविरों में पहुंचाया जा चुका है. वाडिया संस्थान द्वारा जोशीमठ में तीन भूकंपीय स्टेशन लगाये गए हैं जिनसे आंकड़े भी प्राप्त किये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि विभिन्न एजेंसियां नगर में सर्वेंक्षण तथा जांच के काम में जुटी हुई हैं. उधर, भू-धंसाव के कारण उपरी हिस्से में एक दूसरे से खतरनाक रूप से जुड़ गए होटलों 'मलारी इन' और 'होटल माउंट व्यू' के ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी है.
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