भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को निरस्त करने, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का वादा किया गया है. पार्टी ने यह भी कहा है कि मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी बढ़ाकर 700 रुपये की जाएगी.
भाकपा ने अपने घोषणापत्र में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को खत्म करने, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने, जाति जनगणना कराने, संपत्ति कर और विरासत कर जैसे कराधान उपायों को लागू करने, कॉरपोरेट कर बढ़ाने, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने का वादा किया.
घोषणापत्र जारी करने के बाद भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा, ‘‘चुनाव देश और उसके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी का शासन देश के लिए विनाशकारी रहा है.''
वाम दल ने कहा कि अगर वह सत्ता में आई तो बढ़ती असमानता को दूर करने के लिए कदम उठाएगी. भाकपा का यह भी कहना है कि उसका लक्ष्य प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को संसद के दायरे में लाना है.
घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘राज्यों में निर्वाचित सरकारों को प्रमुख नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए.''भाकपा ने कहा कि वह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की ‘‘मनमानी'' सीमा को हटाने और परिसीमन और जनगणना से संबंधित खंड को हटाकर महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने के लिए राजनीतिक और कानूनी रूप से लड़ाई जारी रखेगी.
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