Covid-19 Pandemic: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि वह कोविड-19 महामारी के कारण विचाराधीन (अंडरट्रायल) कैदियों को रिहा करने के लिए सामान्य निर्देश जारी नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने जगदीप छोकर की इस मामले में याचिका पर कोई आदेश देने से इंनकार कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा था कि जेलों में विचाराधीन कैदियों को पेरोल या जमानत पर रिहा किया जा सकता है और सुप्रीम कोर्ट इसके लिए आदेश जारी करे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि हाइकोर्ट (High Court) को यह तय करना चाहिए कि किसे रिहा किया जाना चाहिए और किसे नहीं. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि यह हाईकोर्ट द्वारा विचार किया जाने वाला मुद्दा है और इस पर एक समान आदेश जारी नही किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि विभिन्न राज्यों में स्थिति अलग-अलग है, ऐसे में इस मामले में सामान्य निर्देश जारी नहीं किया जा सकता. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित दाखिल कर सात साल की सजा काट रहे कैदियों को एक समान दिशानिर्देश जारी कर परोल पर रिहा करने मांग की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह हाईकोर्ट को तय करना चाहिए कि किसे जमानत/ पैरोल पर रिहा किया जाना चाहिए और किसे नहीं.
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