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This Article is From Dec 02, 2013

गैंगरेप मामले में अपराधी के किशोर होने पर केंद्र का रुख पूछा कोर्ट ने

नई दिल्ली:

दिल्ली में 23 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के करीब एक साल बाद उच्चतम न्यायालय ने जघन्य अपराधों के मामले में 16 से 18 साल की बीच की उम्र के अपराधी के किशोर वय होने या नहीं होने पर निर्णय करने के आपराधिक अदालत के अधिकार पर केंद्र का रुख पूछा है।

न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अगुवाई वाली पीठ ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी करके इस दलील पर चार सप्ताह के अंदर अपना जवाब दाखिल करने को कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत अपराधों के लिए किशोरों पर मुकदमा चलाने के न्यायिक कामकाज से किसी आपराधिक अदालत को अलग नहीं रखा जा सकता।

पीठ ने केंद्र से इस सवाल पर जवाब मांगा है कि जघन्य अपराधों के मामलों में 16 से 18 साल के बीच की आयु के किसी अपराधी की परिपक्वता के बारे में फैसला कौन करेगा।

पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एसए बोबडे भी शामिल हैं, ने पीड़ित के माता-पिता के वकील से उन रिकार्ड के अंश देने को कहा जिनमें किशोर अपराधी को 16 दिसंबर की घटना के मामले में शामिल बताने वाले बयान हों। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तारीख मुकर्रर की।

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