मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को अभिनेता रजनीकांत द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें नगर निकाय द्वारा यहां मौजूद उनके विवाह घर को इस वित्तवर्ष की पहली छमाही के लिए संपत्ति कर के तौर पर 6.50 लाख रुपये जमा करने के निर्देश को चुनौती देते हुए राहत देने का अनुरोध किया गया था. याचिका को वापस लिए जाने के कारण खारिज किया गया.
न्यायमूर्ति अनीता सुमंत ने इसके साथ ही नगर निकाय द्वारा नोटिस जारी किए जाने के तुरंत बाद राहत के लिए अदालत का रुख करने पर अभिनेता से मुकदमे का खर्च वसूलने की चेतावनी दी. राजनीकांत ने कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से वित्त वर्ष के शुरुआती छह महीने तक विवाह घर बंद रहने के आधार पर राहत देने का अनुरोध किया था.
याचिका में रजनीकांत ने नगर निकाय को उनको भेजे नोटिस के निस्तारण का निर्देश अदालत द्वारा दिए जाने का अनुरोध किया था, जिसे उनके वकील द्वारा दिन में दस्तावेज जमा करने और याचिका वापस लेने के साथ खारिज कर दिया गया. अभिनेता ने अदालत को बताया कि वह राघवेंद्र मंडपम नाम से चल रहे विवाह घर के लिए नियमित तौर पर संपत्ति कर का भुगतान करते हैं और आखिरी बार वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए उन्होंने चार फरवरी को कर भरा. चेन्नई नगर निगम ने इस साल अप्रैल से सितंबर के लिए उनसे 6,50,660 रुपये के संपत्ति कर की मांग की है.
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