प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उद्योग संघ फिक्की (FICCI) की आम वार्षिक बैठक और वार्षिक सम्मेलन में कोरोनावायरस (Coronavirus) से लेकर कृषि कानून (Farm Laws) पर बात रखी है. कृषि कानूनों को लेकर किसान के आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने कहा, कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े क्षेत्रों के बीच बीच हमने दीवारें देखी हैं. अब इन सभी दीवारों और अड़चनों को हटाया जा रहा है. इसका फायदा सीधे किसानों को होगा और कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा. कोरोना को लेकर उन्होंने कहा कि महामारी के समय भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई.
किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े अन्य सेक्टर जैसे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर हो, फ़ूड प्रोसेसिंग हो, स्टोरेज हो, कोल्ड चैन हो इनके बीच हमने दीवारें देखी हैं. अब सभी दीवारें हटाई जा रही हैं, सभी अड़चनें हटाई जा रही हैं. इन सुधारों के बाद किसानों को नए बाजार मिलेंगे. कृषि क्षेत्र में ज्यादा निवेश होगा.
उन्होंने कहा कि देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में तेजी से काम किये गए है. उससे भारत का एग्रीकल्चर सेक्टर पहले से कहीं अधिक वाइब्रेंट हुआ है. आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है. आज भारत मे मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया है.
पीएम-वाणी योजना के तहत देशभर में सार्वजनिक WiFi Hotspot का नेटवर्क तैयार किया जाएगा. इससे गांव-गांव में कनेक्टिविटी का व्यापक विस्तार होगा. मेरा आग्रह है कि रूरल और सेमी रूरल क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी की इन प्रयासों में भागीदार बनें.
भारत में हर महीने यूपीआई के जरिए 4 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हो रहा है और यह रिकॉर्ड हर साल टूट रहा है! देश के ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे वेंडरों के पास भी डिजिटल पेमेंट हो रहा है. ग्रामीण भारत आज बड़े पैमाने पर बदलाव के दौर से गुजर रहा है. ग्रामीण भारत में सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता शहरी क्षेत्र की तुलना में अधिक हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर सिस्टम (DBT) भारत में काम कर रहा है. हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल में इसकी काफी प्रशंसा की गई है. अधिकांश देशों के विपरीत भारत, COVID महामारी के दौरान DBT के माध्यम से गरीबों और जरूरतमंदों को करोड़ों रुपये भेजने में कामयाब हुआ.
एक जीवंत अर्थव्यवस्था में, जब एक क्षेत्र बढ़ता है तो इसका सीधा असर अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ता है. हम जो सुधार कर रहे हैं, वे ऐसे सभी अनावश्यक ढांचे को हटा रहे हैं. कृषि क्षेत्र इसका एक ऐसा ही उदाहरण है.
हमारी अर्थव्यवस्था को क्षेत्रों के बीच बाधाओं या अड़चनों की जरूरत नहीं है बल्कि एक पुल की जरूरत है ताकि एक क्षेत्र दूसरे का समर्थन कर सके. पिछले कुछ सालों में इस तरह की बाधाओं को दूर करने के लिए हमने सुधार किए हैं.
भारत का कंपनी कर दुनिया में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी है. हम उन कुछ देशों में हैं, जहां फेसलेस मूल्यांकन और फेसलेस अपील की सुविधा है. हमने इंस्पेक्टर राज और कर आतंकवाद के युग को पीछे छोड़ दिया है.
भारत ने जिस तरह बीते कुछ महीनों में एकजुट होकर काम किया, नीतियां बनाई, निर्णय लिए हैं, स्थितियों को संभाला है. उसने पूरी दुनिया को चकित करके रख दिया है.
हम लोगों ने 20-20 के मैच में तेजी के साथ बहुत कुछ बदलते देखा है, लेकिन 2020 ने सभी को मात दे दी है. इस साल कई उतार-चढ़ाव देखे गए. हम जब आगे चलकर कोरोना महामारी के बारे में सोचेंगे तो हमें यकीन नहीं होगा. अच्छी बात यह है कि रिकवरी भी तेज गति से हो रही है.