Coronavirus Pandemic: बेंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट से आने जाने वाले यात्रियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रखने के कुछ ऐसे इंतज़ाम किये गए है जिससे यात्रियों का सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ एयरलाइंस और एयरपोर्ट पर तैनात लोगों से सीधा संपर्क न हो. यही नहीं, वहां रखे उपकरणों को भी छूने की ज़रूरत नही है. एयरपोर्ट पर हमें कुछ ऐसे लोग भी मिले जिन्होंने पीपीई किट परिवार के साथ पहन रखी थी
बेंगलुरू के केम्पेगौडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर व्यवस्था बेहद अलग है. टिकट मोबाइल या हार्ड कॉपी स्कैन करने की व्यवस्था है. इसके बाद बोर्डिंग पास बाहर आता है. अंदर जाने से पहले कैमरे से थर्मल स्कैनिंग की जाती है और फिर गेट पर मॉस्क नीचे कर आइडेंटिटी कार्ड CISF को दिखाया जाता है. मैग्निफाइंग स्क्रीन से दूसरी तरफ सब कुछ बड़ा-बड़ा दिखता है. फिर यात्री और उसके सामान की सुरक्षा जांच होती है. सामान निकालने के बाद ट्रे को सेनिटाइज किया जाता है.
हालांकि इस चाकचौबंद व्यवस्था के कारण एयरपोर्ट का खर्च बढ़ा है लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को काबू में रखने के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है. बेंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के एमडी और सीईओ हरि मरार ने कहा, "सेनिटाइजर से लेकर नए इंफ्रास्ट्रक्चर सबका खर्च बढ़ा है लेकिन हमने एयरपोर्ट फीस नहीं बढ़ाने का फिलहाल फैसला किया है. बेंगलुरू के इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब तक़रीबन 13 हज़ार लोग रोजाना आवाजाही कर रहे है, हालांकि पहले ये आंकड़ा एक लाख रोज़ाना का था. एयरपोर्ट पर ऐसा परिवार भी दिखा जिसने पीपीई किट पहना हुआ था.
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