सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 महामारी ने भारतीय सेना और चीनी पीएलए के बीच शंकाओं को गहरा कर दिया है और इस वायरस ने सीमा प्रबंधन संबंधी प्रोटोकॉल को प्रभावित किया है. पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने यहां फोर्ट विलियम स्थित पूर्वी कमान मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभावशाली कदम उठाए गए कि कोरोना वायरस चीन के साथ लगती उत्तरी सीमाओं पर तैनात इकाइयों में न फैले. उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी ने आपसी शंकाओं को गहरा किया और सीमा प्रबंधन संबंधी कामकाजी प्रोटोकॉल को प्रभावित किया.''
लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने कहा कि पूर्वी कमान ने उच्च स्तर की सतर्कता बरती और हर प्रकार की अप्रिय घटना को रोका.
उन्होंने कहा कि पूर्वी कमान में चिकित्सा सुविधाओं का उन्नयन किया गया और अस्पतालों में कोरोना वायरस से निपटने के अनुसार बदलाव किए गए.
उन्होंने कहा कि गलवान घटना के बाद से चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात तनावपूर्व हैं, लेकिन अभियान संबंधी तैयारियों में सुधार के लिए कदम उठाए गए हैं.
गलवान घाटी में पिछले साल 15 जून को चीनी बलों के साथ संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीनी सेना के जवान भी इस दौरान हताहत हुए थे.
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