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This Article is From Mar 08, 2020

महागठबंधन में तकरार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने RJD से कहा, "एक अच्छे आदमी का कर्तव्य होता है कि जान जाए लेकिन वचन न जाए..."

राजद को लिखे पत्र में गोहिल ने कहा है कि "एक अच्छे आदमी का कर्तव्य होता है कि जान जाए लेकिन वचन न जाए. आशा है कि राजद अपने वादे को निभाएगा." गोहिल का पत्र सार्वजनिक होते ही महागठबंधन में घमासान की बात खुलकर सामने आ गई है.

महागठबंधन में तकरार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने RJD से कहा, "एक अच्छे आदमी का कर्तव्य होता है कि जान जाए लेकिन वचन न जाए..."
राज्यसभा की सीट को लेकर महागठबंधन में तकरार (फाइल फोटो)
पटना:

बिहार में राज्यसभा की सीट को लेकर कांग्रेस और राजद में तनातनी तेज हो गई है. कांग्रेस को गठबंधन में राज्यसभा की एक सीट नहीं मिलती देख कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने पत्र लिखकर राजद को याद दिलाया है कि वह अपने वादे को पूरा करे. राजद को लिखे पत्र में गोहिल ने कहा है कि "एक अच्छे आदमी का कर्तव्य होता है कि जान जाए लेकिन वचन न जाए. आशा है कि राजद अपने वादे को निभाएगा." गोहिल का पत्र सार्वजनिक होते ही महागठबंधन में घमासान की बात खुलकर सामने आ गई है. दरअसल, राजद अपने दो प्रत्याशी देना चाहता है. जबकि कांग्रेस, अपने बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल या पार्टी नेता शत्रुघ्न सिन्हा के लिए एक सीट पर दवा कर रही है.

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खास बात यह है कि इस बार राज्यसभा सीट पर फैसला लालू प्रसाद को करना है. सूत्रों के मुताबिक, नाम की घोषणा भर बाकी है. लेकिन कांग्रेस पुराने वादे याद दिला रही है. कांग्रेस के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के वक्त राजद ने कांग्रेस को नौ सीटों के अतिरिक्त राज्यसभा की भी एक सीट का आश्वासन दिया था. वक्त आया है तो मांगा जा रहा है. कांग्रेस के पास दो प्रमुख दावेदार हैं. शक्ति सिंह गोहिल और शत्रुघ्न सिन्हा. इन्हीं दोनों को आगे कर कांग्रेस की कोशिश राजद से एक सीट लेने की है. सूत्रों का दावा है कि राजद फिलहाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को मनाने में लगा है, जो शक्ति सिंह के लिए अड़े हुए हैं.

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गोहिल को पटेल का अत्यंत करीबी माना जाता है. राजद के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अगर अहमद पटेल अड़ गए तो राजद को इंकार करना आसान नहीं होगा. फिर भी बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है. जिसके लिए तेजस्वी यादव होली के मौके पर भी पिछले चार दिनों से दिल्ली में जमे हुए हैं. राजद की ओर से भी दबाव की राजनीति जारी है. इंकार की पृष्ठभूमि बनाई जा रही है. राजद ने ऐलान कर दिया है कि 12 मार्च को उसके दोनों प्रत्याशी एक साथ नामांकन करेंगे. इधर राजद के दूसरे नेता पटना में कहते सुने जा रहे हैं कि बयान और समझौते में फर्क होता है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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