ऐसे समय में जब सरकार कोरोनावायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए खुद को युद्ध स्तर पर तैयार कर रही है. उसे अपनी ही नौकरशाही की वजह से सवालों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार के निर्देश के बावजूद कल और आज कार्यालय नहीं पहुंचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को एक अहम मंत्रालय ने नोट जारी किया है. उन्हें जारी यह नोट करीब-करीब अनुपस्थित लोगों को बर्खास्त करने की चेतावनी जैसा है. उनसे यह बताने के लिए कहा गया है कि वह विभाग के साथ काम करना चाहते हैं या नहीं ताकि उन्हें कार्यमुक्त किया जा सके.
एनडीटीवी को खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का यह पत्र मिला है. कोरोना संकट के समय यह मंत्रालय काफी अहम भूमिका निभा रहा है. इस नोट में उपभोक्ता मामलों के विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को 20 अप्रैल तक यह बताने को कहा गया है कि क्या वे विभाग के साथ बने रहना चाहते हैं अन्यथा उन्हें कार्यमुक्त किया जा सके.
पत्र में कहा गया, "वैसे सभी अधिकारियों को 20 अप्रैल 2020 तक यह बताने का निर्देश दिया जाता है जो विभाग के साथ काम नहीं करना चाहते हैं ताकि उन्हें कार्यमुक्त करने को लेकर आवश्यक कदम उठाए जा सकें."इस पत्र में उन अधिकारियों की अनिच्छा को इंगित किया गया है, जिन्होंने ऐसे गंभीर समय में काम करने से मना किया है.
खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का जिम्मा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के पास है. अधिकारियों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि सरकारी कार्यालय बंद करने का आदेश लिखित माध्यम से दिया गया था. अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, कार्यालय के फिर से खुलने की बात फोन पर बताई गई थी.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) को तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को लेकर नियम और सख्त होंगे. 20 अप्रैल तक हर जिले, कस्बे, थाने की जांच-पड़ताल की जाएगी. इसके बाद सशर्त छूट दी जा सकती है.
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