विज्ञापन

नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में चिराग पासवान ने किया शक्ति प्रदर्शन, चुन-चुनकर साधे निशाने

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा उन्होंने दिया, तब कुछ लोगों के पेट में दर्द हो गया. आज जब चिराग पासवान बिहार लौटना चाहता है तो फिर से उनकी पीड़ा बढ़ गयी है.

नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में चिराग पासवान ने किया शक्ति प्रदर्शन, चुन-चुनकर साधे निशाने
  • चिराग पासवान ने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट विजन पर जोर दिया.
  • कार्यक्रम में 8 जिलों के 30 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता शामिल हुए.
  • तेजस्वी यादव पर नौकरी के वादे को लेकर चिराग ने तंज कसा.
  • रैली में भीड़ की वजह से सुरक्षा व्यवस्था में खलल पड़ा और गाड़ी को नुकसान हुआ.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

नालंदा के स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में रविवार के लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) द्वारा आयोजित बहुजन भीम संकल्प समागम को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट विजन पर जोर देते हुए कहा कि यह वर्ष बिहार के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस कार्यक्रम में राज्य के 8 जिलों के 30 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता शामिल हुए.

तेजस्वी के नौकरी वाले वादे पर तंज

Latest and Breaking News on NDTV

चिराग के निशाने पर विपक्ष रहा. खासकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि तेजस्वी लोगों से 20 माह का समय मांग रहे हैं. दावा कर रहे हैं कि 20 माह में 20 साल जितना काम कर दिखाएंगे. उन्हें यह वादा करना चाहिए कि यदि 20 माह मिला तो वे नौकरी के बदले गरीबों से ली गयी जमीन उन्हें वापस लौटाएंगे या नहीं. जिस तरह से लालू जी के पावर में रहते नौकरी के बदले जमीन लिखायी गयी, उसी तरह तेजस्वी जी लोगों को कलम देने की बात कह रहे हैं. उसी कलम से ये क्या लिखवा लेंगे, यह जनता जरूर सोचे. 

कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्या 

चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव के समय विपक्ष फिर से झुठी बातों को लेकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है. लोकसभा चुनाव के समय में भी कहा था कि तीसरी बार मोदी सरकार आएगी तो लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा. अभी विधानसभा चुनाव के पहले संविधान के खतरे की बात कह मतदाता को  गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की हत्या उस समय हुई थी, जब 1975 में कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाया था. तेजस्वी यादव आज कांग्रेस को इन मुद्दों पर समर्थन करते हैं. जबकि जयप्रकाश नारायण ने जब संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था, तब उनके पिताजी साथ में थे. तेजस्वी यादव बताएं कि यह नारा किसके खिलाफ था? आपातकाल को लेकर राहुल गांधी को भी जवाब देना होगा. बताना होगा कि आपातकाल के समय कांग्रेस की सरकार और उनके नेताओं ने किस तरह से अल्पसंख्यक समाज से आने वाले युवाओं की जबरन नसबंदी करायी थी.

मंडल कमीशन की रिपोर्ट को दबाया 

Latest and Breaking News on NDTV

आरक्षण के मुद्दे को लेकर भी चिराग खूब बरसे. कहा कि आज जो लोग आरक्षण समाप्त करने की बात कर लोगों को भरमाने की कोशिश में लगे हैं, उन्हीं लोगों ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को दबाए रखा. कहा कि कांग्रेस और राजीव गांधी ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था. 1979 में रिपोर्ट आयी, लेकिन इसे बीपी सिंह की सरकार ने लागू किया.

तेजस्वी यादव माफी मांगे

चिराग ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब बिहार फर्स्ट बनेगा और बिहारी फर्स्ट बनेंगे. बिहार को एक विकसित राज्य बनाना है. इसी लक्ष्य को लेकर हम काम कर रहे हैं. इस रैली का मकसद सिर्फ शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि समाज के कमजोर तबकों को भ्रमित करने की विपक्ष की साजिशों के खिलाफ एकजुट करना है. उन्होंने कहा कि विपक्ष आरक्षण खत्म कर और संविधान बदलने की बात कह अनुसूचित जाति, जन जाति और अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जब तक वे केन्द्र सरकार में हैं, आरक्षण और संविधान में कोई खतरा नहीं. तेजस्वी को लालू यादव द्वारा बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर का किए गए अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए.

चिराग के आने से हो रहा पेट में दर्द 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा उन्होंने दिया, तब कुछ लोगों के पेट में दर्द हो गया. आज जब चिराग पासवान बिहार लौटना चाहता है तो फिर से उनकी पीड़ा बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि वे बिहार में चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि बिहार के लिए चुनाव लड़ेंगे. जब तक बिहार को विकसित राज्य नहीं बना देंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे. वे चाहते हैं कि लोगों को अपने ही पंचायत में राजगार का अवसर मिले.

संसद में नहीं थी बाबा साहेब की तस्वीर 

चिराग ने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान के आदर्श बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर थे. राजद से पूछिए कि जिसके साथ आज वह खड़ा है, उसकी कांग्रेस की लंबे समय तक सरकार रही. 1979 के पहले संसद में बाबा साहेब की तस्वीर नहीं थी. एक ही परिवार के तीन-तीन तस्वीर संसद में हुआ करती थी. पहली बार संसद में किसी ने बाबा साहेब की तस्वीर लगाने को मजबूर किया तो वे रामविलास पासवान थे.

बेकाबू भीड़ से गाड़ी को नुकसान 

रैली स्थल पर पहुंचे हजारों कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा. जब चिराग पासवान अपनी गाड़ी की पर चढ़ कर समर्थकों का अभिवादन कर रहे थे, तो उत्साहित कार्यकर्ता उनकी गाड़ी पर चढ़ गए, जिससे अफरातफरी मच गयी. सुरक्षा बलों के काफी मशक्कत के बाद उन्हें  मंच तक पहुंचाना पड़ा. गाड़ी को भी नुकसान हुआ. जैसे ही कार्यक्रम समाप्त हुआ, ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी. सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हुई.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com