फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पाकिस्तान में बंद कुलभूषण जाधव को वहां की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. पाकिस्तानी सैन्य अदालत के इस फैसले के बाद द्विपक्षीय सर्द रिश्तों में और तनातनी बढ़नी तय है. हालांकि जिस तरह से महज 13 महीने के ट्रायल के भीतर ही बचाव के लिए कोई वकील मुहैया कराए बगैर जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई है, रक्षा मामलों के जानकार उसके तार हालिया पाकिस्तानी एक घटना से जोड़कर देख रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जाधव की फांसी की सजा के ऐलान से चंद रोज पहले पांच अप्रैल को पाकिस्तान के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मुहम्मद हबीब जाहिर के भारत-नेपाल बॉर्डर से लापता होने की बात सामने आई है. रक्षा मामलों के जानकारों का मानना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी हिस्सा रहे हबीब जाहिर के मामले में इस्लामाबाद को शक है कि उनके लापता होने के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ है. हबीब जाहिर के बारे में भारतीय खुफिया एजेंसियों का शक रहा है कि भारत-नेपाल बॉर्डर से आतंकी नेटवर्क को संचालित करने में उनकी भूमिका रही है.
मुहम्मद हबीब जाहिर
पाकिस्तान के जियो न्यूज ने लेफ्टिनेंट कर्नल(रिटायर्ड) मुहम्मद हबीब जाहिर के पारिवारिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वह पांच अप्रैल को एक नौकरी का इंटरव्यू देने के लिए नेपाल गए. छह तारीख को भारतीय बॉर्डर से महज छह किमी दूर स्थित लुंबिनी पहुंचे थे. खबर के अनुसार उन्होंने छह तारीख को अपने परिवार से आखिरी बार संपर्क किया था. जियो ने लिखा है कि उसके बाद आठ तारीख को पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने उनके गायब होने संबंधी खबर की पुष्टि की.
खबरों के मुताबिक हबीब जाहिर 2014 में पाकिस्तानी आर्मी से रिटायर हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने एक फूड कंपनी में कुछ समय काम किया और इस वक्त अन्य जॉब ऑफर देख रहे थे. कहा जाता है कि इंटरनेशनल कंपनी स्टार्ट सोल्यूशन डॉट बिज में काम के लिए उनको मार्क थॉम्पसन नाम के शख्स ने संपर्क किया था. उसने ही जाहिर को इंटरव्यू के लिए नेपाल बुलाया था. रिपोर्ट के अनुसार कर्नल के बेटे शाद हबीब ने शक जाहिर करते हुए कहा है कि उनके पिता के अपहरण में दुश्मन की खुफिया एजेंसियों का हाथ हो सकता है.
मुहम्मद हबीब जाहिर
पाकिस्तान के जियो न्यूज ने लेफ्टिनेंट कर्नल(रिटायर्ड) मुहम्मद हबीब जाहिर के पारिवारिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वह पांच अप्रैल को एक नौकरी का इंटरव्यू देने के लिए नेपाल गए. छह तारीख को भारतीय बॉर्डर से महज छह किमी दूर स्थित लुंबिनी पहुंचे थे. खबर के अनुसार उन्होंने छह तारीख को अपने परिवार से आखिरी बार संपर्क किया था. जियो ने लिखा है कि उसके बाद आठ तारीख को पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने उनके गायब होने संबंधी खबर की पुष्टि की.
खबरों के मुताबिक हबीब जाहिर 2014 में पाकिस्तानी आर्मी से रिटायर हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने एक फूड कंपनी में कुछ समय काम किया और इस वक्त अन्य जॉब ऑफर देख रहे थे. कहा जाता है कि इंटरनेशनल कंपनी स्टार्ट सोल्यूशन डॉट बिज में काम के लिए उनको मार्क थॉम्पसन नाम के शख्स ने संपर्क किया था. उसने ही जाहिर को इंटरव्यू के लिए नेपाल बुलाया था. रिपोर्ट के अनुसार कर्नल के बेटे शाद हबीब ने शक जाहिर करते हुए कहा है कि उनके पिता के अपहरण में दुश्मन की खुफिया एजेंसियों का हाथ हो सकता है.
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