हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने की स्थिति में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के वादे को ‘‘चुनावी हथकंडा'' करार देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि सत्ताधारी दल सिर्फ चुनाव से पहले ही ऐसे मुद्दों को उठाता है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यूसीसी से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उनकी पार्टी आम सहमति पर पहुंचने की प्रक्रिया का समर्थन करेगी और यह आम सहमति काफी हद तक दिखाई दे रही है.
उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी लोगों को बेवकूफ बनाने के उद्देश्य से दिये गये बयानों का समर्थन नहीं करेगी. सिंघवी की कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी नड्डा के उस बयान के कुछ घंटे बाद आई, जिसमें भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि यदि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो यूसीसी लागू करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी.
नड्डा की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर, सिंघवी ने कहा, “जेपी नड्डा की पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर और राज्य स्तर पर क्रमशः आठ साल और पांच साल से सत्ता में है. नड्डा आपका बयान सुनकर हम बहुत प्रसन्न हैं, लेकिन पिछले क्रमश: आठ साल और पांच साल से आपने (इसके लिए कुछ) क्यों नहीं किया? जब वह (नड्डा) इस सवाल का जवाब दे देंगे तो हम भी आपको जवाब दे देंगे.''
इस मुद्दे पर और जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हर कोई 'चुनावी हथकंडा' समझता है और जब मतों में कमी नजर आती है तब धर्म और ऐसे वादों को याद किया जाता है. सिंघवी ने कहा, ‘‘आप (भाजपा) पांच साल से (राज्य की) सत्ता में हैं, आप सत्ताधारी पार्टी हैं, आप पद पर बैठे हैं, आपने कुछ नहीं किया और आप केंद्र में भी हैं, लेकिन आठ साल से, आप हमेशा चुनाव के दौरान कभी-कभी बोलते रहते हैं.''
कांग्रेस नेता ने पूछा कि दूसरा पहलू यह है कि क्या यूसीसी को राज्य स्तर पर लागू किया जा सकता है? हिमाचल प्रदेश की 68-सदस्यीय विधानसभा के लिए 12 नवंबर को मतदान होगा.
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