कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति ढींगरा को हटाने की मांग की और आरोप लगाया कि उनकी अगुवाई वाला आयोग 'दुर्भावनापूर्ण बदले की कार्रवाई' के लिए हरियाणा में बीजेपी सरकार के हाथों का 'राजनीतिक औजार' बन गया है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने न्यायमूर्ति ढींगरा की निष्पक्षता पर सवाल किया और आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार से फायदा स्वीकार कर उन्होंने अपने पद के साथ 'समझौता' किया है।
उन्होंने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को संदेह से परे होना चाहिए। न्यायमूति ढींगरा का हम काफी सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने वास्तव में अपनी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए अपने पद के साथ समझौता किया है। कांग्रेस नेता ने मांग की कि वह आयोग के प्रमुख नहीं रह सकते और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए या उन्हें पद से हटा दिया जाना चाहिए।
दो बार कार्यकाल विस्तार दिए जाने और सभी दस्तावेजों तक पहुंच के बाद भी और समय दिए जाने के आयोग के अनुरोध पर सवाल करते हुए कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि अचानक और आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने आखिरी क्षणों में अपना मन बदल लिया और अन्य दस्तावेजों की जांच के लिए 4-6 हफ्तों का समय मांगा।
उन्होंने इस बात पर भी सवाल किया कि सरकार ने आयोग को आठ हफ्ते का समय दिया जो मांगे गए समय से भी ज्यादा है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर भी निशाना साधा।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने न्यायमूर्ति ढींगरा की निष्पक्षता पर सवाल किया और आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार से फायदा स्वीकार कर उन्होंने अपने पद के साथ 'समझौता' किया है।
उन्होंने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को संदेह से परे होना चाहिए। न्यायमूति ढींगरा का हम काफी सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने वास्तव में अपनी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए अपने पद के साथ समझौता किया है। कांग्रेस नेता ने मांग की कि वह आयोग के प्रमुख नहीं रह सकते और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए या उन्हें पद से हटा दिया जाना चाहिए।
दो बार कार्यकाल विस्तार दिए जाने और सभी दस्तावेजों तक पहुंच के बाद भी और समय दिए जाने के आयोग के अनुरोध पर सवाल करते हुए कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि अचानक और आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने आखिरी क्षणों में अपना मन बदल लिया और अन्य दस्तावेजों की जांच के लिए 4-6 हफ्तों का समय मांगा।
उन्होंने इस बात पर भी सवाल किया कि सरकार ने आयोग को आठ हफ्ते का समय दिया जो मांगे गए समय से भी ज्यादा है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर भी निशाना साधा।
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