बीजेपी में शामिल होने के लिए अनिल के. एंटनी को आड़े हाथों लेते हुये कांग्रेस ने उनकी आलोचना की और कहा कि उन्होंने ‘मौंडी बृहस्पतिवार' के दिन अपने पिता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी के साथ विश्वासघात किया है. केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि अनिल को पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गयी थी और इसलिए उन्होंने भाजपा का दामन थामा है और यह कांग्रेस के लिये चिंता का विषय नहीं है.
सुधाकरन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज (मौंडी बृहस्पतिवार) जूडस (इस्कैरियट) का दिन है जिसने 30 चांदी के सिक्कों के लिए यीशु मसीह को धोखा दिया. उस दिन ऐसी कई चीजें हुई होंगी. इसे (अनिल के भाजपा में शामिल होने को) भी एक ऐसी ही घटना के रूप में देखा जाना चाहिए.''
कांग्रेस नेता के बेटे के भाजपा में शामिल होने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केपीसीसी प्रमुख ने कहा कि यह ‘मौंडी बृहस्पतिवार' पर अनिल का ‘अपने पिता को उपहार' है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी ने कहा कि उनकी निष्ठा नेहरू परिवार के साथ हमेशा बनी रहेगी.
बाइबल के मुताबिक यीशू के 12 शिष्यों में से एक जूडस इस्कैरियट ने चांदी के 30 सिक्कों के लिये बुधवार के दिन अधिकारियों के साथ उन्हें धोखा देने के लिये एक समझौता किया था. इस बुधवार को ‘होली वेन्सडे' (पवित्र बुधवार) के तौर पर जाना जाता है.
अगले दिन बृहस्पतिवार को (जिसे ‘मौंडी थर्सडे' के नाम से जाना जाता है) प्रार्थना के बाद यीशू ने अपने शिष्यों के साथ अंतिम बार भोजन किया और अधिकारियों को उनकी पहचान बताने के लिये जूडस इस्कैरियट ने उनके गाल को चूमा. जूडस के धोखे के बाद अधिकारी यीशू को उनसे दूर ले गये और बाद में शुक्रवार को उन्हें सूली पर चढ़ा दिया जिसे ईसाई समुदाय के लोग ‘गुड फ्राइडे' कहते हैं. गुड फ्राइडे से पहले आने वाले बृहस्पतिवार को ‘मौंडी बृहस्पतिवार' कहा जाता है.
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