आयकर विभाग ने झारखंड से कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू से जुड़े एक व्यापारिक समूह के कई परिसरों से 350 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त की है. इनका एक सोशल मीडिया पोस्ट इन दिनों काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह कालेधन और भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षी दल पर तंज कस रहे हैं. अब भारी मात्रा में नकदी बरामदगी पर भाजपा ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया और कहा कि जांच एजेंसियों के दुरुपयोग संबंधी उनका ‘दुष्प्रचार' इस डर के कारण था कि उनके भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जाएगा.
साहू की 12 अगस्त, 2022 की पोस्ट में लिखा है- "नोटबंदी के बाद भी, देश में इतना काला धन और भ्रष्टाचार देखकर मेरा मन व्यथित हो जाता है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि लोग इतना काला धन कहां से जमा कर लेते हैं? अगर इस देश से भ्रष्टाचार काई जड़ से खत्म कर सकता है, तो वह सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही है."
कांग्रेस नेता के इस पोस्ट का एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए, भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने हैशटैग "भ्रष्टाचार की दुकान" के साथ लिखा- धीरज प्रसाद साहू को हास्य की गहरी समझ है.
Dhiraj Prasad Sahu has a dark sense of humour. 😂#CorruptionKiDukan pic.twitter.com/2esDCyip1O
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 10, 2023
अब तक गिनती में 351 करोड़ रुपये पाए गए
ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग के छापों में बरामद नकदी की पांचवें दिन की गिनती में यह 351 करोड़ रुपये पाई गई है. सूत्रों ने बताया कि यह देश में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा की गई एकल कार्रवाई में ‘अब तक की सबसे अधिक' जब्ती बन गई है. आयकर विभाग ने झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के रांची और अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों की भी तलाशी ली है. यह स्पष्ट नहीं है कि साहू के घर से कितनी नकदी और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए. बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड, उसके प्रवर्तक और अन्य के खिलाफ मैराथन छापेमारी रविवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई. कर चोरी और 'ऑफ़-द-बुक (जिसका लेखा-जोखा कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड में नहीं हो)' लेनदेन के आरोप में कर अधिकारियों द्वारा छह दिसंबर को छापेमारी शुरू की गई थी. सूत्रों ने को बताया कि अब तक गिनती में 351 करोड़ रुपये पाए गए हैं.
80 लोगों की नौ टीमें नोट गिनने में जुटीं
गिनती में आयकर विभाग और विभिन्न बैंकों के लगभग 80 लोगों की नौ टीमें शामिल थीं, जो सातों दिन 24 घंटे काम कर रही थीं. सुरक्षा कर्मियों, चालकों और अन्य कर्मचारियों सहित 200 अधिकारियों की एक और टीम गिनती से जुड़े काम में तब शामिल हुई, जब कर अधिकारियों को कुछ अन्य स्थानों के अलावा नकदी से भरी 10 अलमारियां मिलीं थी.
200 बैग और बक्सों में भरे थे पैसे
सूत्रों ने बताया कि नकदी को ओडिशा की विभिन्न बैंक शाखाओं में जमा करने के लिए ले जाने के लिए लगभग 200 बैग और बक्सों का इस्तेमाल किया गया था. आयकर विभाग का मानना है कि यह ‘बेहिसाबी' नकदी है और व्यापारिक समूह, विक्रेताओं और अन्य द्वारा देशी शराब की नकद बिक्री से अर्जित की गई है.
सूत्रों ने कहा कि किसी एक समूह और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई के तहत देश में किसी एजेंसी द्वारा की गई यह अब तक की सबसे अधिक नकदी जब्ती है.
भारी नकदी बरामदगी के अन्य मामले
इससे पहले इतनी भारी मात्रा में नकदी 2019 में बरामद की गई थी, जब जीएसटी इंटेलिजेंस ने कानपुर के एक व्यवसायी से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था और 257 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे. वहीं, जुलाई 2018 में तमिलनाडु में एक सड़क निर्माण फर्म के खिलाफ तलाशी के दौरान आयकर विभाग द्वारा 163 करोड़ रुपये की नकदी का खुलासा किया गया था.
सीबीआई जांच की मांग
भाजपा की ओडिशा इकाई ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की मांग की है और सत्तारूढ़ बीजद से स्पष्टीकरण मांगा है. पार्टी प्रवक्ता मनोज महापात्र ने राज्य की एक महिला मंत्री की छापेमारी में शामिल शराब व्यापारियों में से एक के साथ मंच साझा करते हुए तस्वीरें दिखाईं. उन्होंने कहा कि यह कर चोरी स्थानीय नेताओं और राज्य सरकार के सक्रिय समर्थन और संरक्षण के बिना संभव नहीं हो सकती थी.
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