राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारा झटका दिया है। कांग्रेस उम्मीदवारों ने जहां चार में से तीन सीटों पर जीत दर्ज कराई, वहीं भाजपा को एक सीट से संतोष करना पड़ा है।
मंगलवार को घोषित मतगणना के नतीजों के अनुसार, कांग्रेस उम्मीदवारों ने वेर, सूरजगढ़ और नासिराबाद विधानसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया। जबकि भाजपा के संदीप शर्मा कोटा दक्षिण विधानसभा सीट पर विजयी घोषित किए गए।
शर्मा ने कोटा दक्षिण सीट पर कांग्रेस के शिवकांत नंदवाना को 25,000 मतों से हराया।
सत्तारूढ़ भाजपा के सूरजगढ़ सीट से प्रत्याशी दिगंबर सिंह, कांग्रेस के श्रवण कुमार से 3,000 मतों से हार गए। दिगंबर सिंह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं।
लोकसभा चुनाव में भाजपा विधायक संवर लाल जाट (नासिराबाद), ओम बिड़ला (कोटा दक्षिण), संतोष अहलावत (सूरजगढ़) और बहादुर सिंह कोली (वेर) के विजयी होकर संसद पहुंचने के बाद ये चारों सीटें रिक्त हुई थीं, जिन पर उपचुनाव के तहत 13 सितंबर को मतदान कराए गए थे।
भाजपा ने नासिराबाद सीट से सरिता गैना और वेर से गंगाराम कोली को खड़ा किया था। कांग्रेस के रामनारायण गुर्जर नासिराबाद से और भजनलाल जाटव वेर से चुनाव लड़े और विजयी रहे।
चार विधानसभा क्षेत्रों में कुल 23 उम्मीदवार उपचुनाव में खड़े हुए थे। 8.95 लाख मतदाताओं में से 65.25 फीसदी ने मतदान में भाग लिया था।
गौरतलब है कि 2013 में कांग्रेस को राजस्थान के विधानसभा चुनावों के इतिहास में सबसे करारी हार मिली थी। कांग्रेस 200 में से मात्र 21 सीटें हासिल कर पाई थी, जबकि भाजपा को 163 सीटें मिली थीं।
उपचुनाव के नतीजे आने के बाद अब राज्य विधानसभा में भाजपा के पास 160 और कांग्रेस के पास 24 सीटें हो गई हैं।
कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सचिन पायलट ने नतीजे आने के बाद संवाददाताओं से कहा, "यह हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं की जीत है। भाजपा के द्वारा सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किए जाने के बावजूद जीत हमारी हुई। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद से कुछ काम नहीं किया, अलबत्ता हमारी पार्टी द्वारा शुरू की गई मुफ्त दवा वितरण और मुफ्त इलाज जैसी कल्याणकारी परियोजनाओं को रोक दिया।"
पायलट ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता काफी जोश और उत्साह में हैं और पार्टी अब कुछ महीनों बाद होने वाले नगरनिगम और पंचायत चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता कैलाश नाथ भट्ट ने कहा, "ये नतीजे राजे सरकार के काम को प्रतिबिंबित नहीं करते। यह स्थानीय मुद्दों पर लड़ा गया चुनाव था। हां, पार्टी इस पर जरूर बैठक कर नतीजों का मूल्यांकन करेगी।"
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