कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, जो अंसतुष्ट धड़े जी-23 के सदस्य रहे हैं, ने आज साफ किया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. इससे पहले यह चर्चा थी कि तिवारी G-23 सदस्यों में ऐसे दूसरे शख्स होंगे जो देश की सबसे पुरानी पार्टी के प्रमुख के पद का चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले इस धड़े के सदस्य शशि थरूर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. NDTV से बात करते हुए तिवारी ने कहा कि वह 'बलि का बकरा' नहीं बनना चाहते
उन्होंने इस चुनाव से बाहर निकलने के अपने फैसले को भी ट्वीट किया. उन्होंने ट्विटर पर कहा, "नेतृत्व, वैचारिक स्पष्टता, वर्णनात्मक और संसाधनों तक पारदर्शी पहुंच किसी भी राजनीतिक दल के स्तंभ हैं. हाल के "दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं" को देखते हुए, यह आपसी प्रतिस्पर्धा को बंद करने और पार्टी को मजबूत करने का समय है."
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मनीष तिवारी ने अपने ट्वीट के साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कथन का भी उल्लेख किया है, जिसमें कहा गया है कि पार्टी के शीर्ष पद की पेशकश क्यों की जानी चाहिए और मांगी नहीं जानी चाहिए.
बता दें कि इससे पहले सूत्रों ने संकेत दिया था कि "जी -23" समूह के सदस्यों में शशि थरूर के बाद मनीष तिवारी भी पार्टी प्रमुख पद का चुनाव लड़ेंगे. गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चुनावी मैदान से हटने और दिग्विजय सिंह की एंट्री के बाद G-23 नेताओं पृथ्वीराज चव्हाण, भूपिंदर हुड्डा और मनीष तिवारी ने आनंद शर्मा के आवास पर कल बैठक की. समझा जाता है कि उन्होंने मौजूदा स्थिति पर चर्चा की थी.
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