आधार और मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने वाले विवादास्पद कानून को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई है, जिसमें कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने इसे निरस्त करने की मांग की है. याचिका में सुरजेवाला ने कानून को असंवैधानिक और निजता के अधिकार और समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया है. इस मामले पर अदालत सोमवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी. गौरतलब है कि विपक्षी दलों की तरफ से लगातार इसका विरोध किया जाता रहा है. विपक्षी दलों का कहना रहा है कि अभी देश में आधार व्यवस्था में कई खामियां हैं, अगर इन्हें वोटर आई कार्ड से लिंक किया जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान गरीब मतदाताओं को होगा.'
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने मई महीने में कहा था कि कि मतदाताओं के लिए आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा लेकिन ऐसा न करने वाले लोगों को ‘‘पर्याप्त वजहें'' बतानी होगी."कांग्रेस के अलावा एमके स्टालिन की डीएमके, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और बसपा ने नए कानूनों का विरोध किया है. बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन पर विधेयक के विरोध के दौरान राज्यसभा की सभापीठ पर नियम पुस्तिका फेंकने का आरोप लगने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मुद्दे पर कहा है कि आधार नागरिकता नहीं बल्कि निवास का प्रमाण था. उन्होंने कहा, "यदि आप मतदाता से आधार कार्ड मांग रहे हैं, तो आपको केवल एक दस्तावेज मिलता है जो निवास को दर्शाता है. आप संभावित रूप से गैर-नागरिकों को मतदान का अधिकार दे रहे हैं."
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