कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी.
नई दिल्ली:
कांग्रेस पार्टी ने एसएसी-एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार के रिव्यू पीटिशन दाखिल करने के फैसले का आज एक बार स्वागत किया है और मांग की है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि आखिर कोर्ट में सरकार की ओर से पैरवी ठीक तरीके से क्यों नहीं की गई और केस सरकार हार गई.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज कई संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद पर यह प्रतिक्रिया दी. एएनआई से बातचीत में सिंघवी ने यह बात कही. SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आज कई दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. बंद को कई राजनीतिक पार्टियों और कई संगठनों ने समर्थन भी दिया है.
संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए. दलित संगठनों के विरोध का सबसे अधिक असर पंजाब में पड़ने की संभावना है, जिसकी वजह से राज्य के सभी शिक्षण संस्थान, सार्वजनिक परिवहन को आज बंद रखा गया है. इस वजह से राज्य में आज होने वाले सीबीएसई के बोर्ड के पेपर रद्द कर दिए हैं.
केन्द्र सरकार आज सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में सरकार कहेगी कि एससी-एसटी के कथित उत्पीड़न को लेकर तुरंत होने वाली गिरफ्तारी और मामले दर्ज किए जाने को प्रतिबंधित करने का शीर्ष न्यायालय का आदेश इस कानून को कमजोर करेगा. दरअसल, इस कानून का लक्ष्य हाशिये पर मौजूद तबके की हिफाजत करना है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर कर सकती है. पुनर्विचार याचिका में यह कहे जाने की संभावना है कि शीर्ष न्यायालय का आदेश अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के प्रावधानों को कमजोर करेगा.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज कई संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद पर यह प्रतिक्रिया दी. एएनआई से बातचीत में सिंघवी ने यह बात कही. SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आज कई दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. बंद को कई राजनीतिक पार्टियों और कई संगठनों ने समर्थन भी दिया है.
संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए. दलित संगठनों के विरोध का सबसे अधिक असर पंजाब में पड़ने की संभावना है, जिसकी वजह से राज्य के सभी शिक्षण संस्थान, सार्वजनिक परिवहन को आज बंद रखा गया है. इस वजह से राज्य में आज होने वाले सीबीएसई के बोर्ड के पेपर रद्द कर दिए हैं.
केन्द्र सरकार आज सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में सरकार कहेगी कि एससी-एसटी के कथित उत्पीड़न को लेकर तुरंत होने वाली गिरफ्तारी और मामले दर्ज किए जाने को प्रतिबंधित करने का शीर्ष न्यायालय का आदेश इस कानून को कमजोर करेगा. दरअसल, इस कानून का लक्ष्य हाशिये पर मौजूद तबके की हिफाजत करना है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर कर सकती है. पुनर्विचार याचिका में यह कहे जाने की संभावना है कि शीर्ष न्यायालय का आदेश अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के प्रावधानों को कमजोर करेगा.
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