चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा आगामी आम चुनाव और विधानसभा चुनावों की रणनीति पर विचार-विमर्श की एक श्रृंखला के बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक समूह ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी सिफारिशें दी हैं और यह उन पर छोड़ दिया है कि वह इन पर कोई फैसला लें तथा संगठनात्मक परिवर्तन की पहल करें. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा गठित आठ नेताओं की समिति ने किशोर की रणनीतिक योजना पर विस्तार से चर्चा की और गांधी को अपने सुझाव देते हुए कई वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया और पुरानी पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए इसे आगे बढ़ाया.
सूत्रों ने कहा कि पार्टी के पुनरुद्धार और रणनीति योजना पर आगे विचार-विमर्श करने के लिए पार्टी के कुछ नेता सोमवार को फिर से मिलेंगे.
प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने पर, कुछ वरिष्ठ नेताओं को अतीत में भाजपा, जदयू, टीएमसी और कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों के साथ उनकी भागीदारी को ध्यान में रखते हुए आपत्ति थी, हालांकि उनमें से अधिकांश ने इसका समर्थन किया है लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ दिया है.
दिग्विजय सिंह जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि प्रशांत किशोर एक ठोस रणनीतिक योजना लेकर आए हैं और समिति ने इस पर आगे चर्चा की है. उन्होंने कहा कि इससे पार्टी को मदद मिलेगी.
दिग्विजय सिंह के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, पी चिदंबरम और रणदीप सुरजेवाला सोनिया गांधी द्वारा गठित पैनल में शामिल हैं, जिन्होंने इस सप्ताह के दौरान कई घंटों तक बैठक की और कई दौर की चर्चा की. इन चर्चाओं के दौरान वे कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं और प्रशांत किशोर से भी मिल चुके हैं.
सूत्रों ने कहा कि प्रशांत किशोर ने पहले कांग्रेस में जी -23 के कुछ नेताओं से मुलाकात की थी, जब वह शरद पवार सहित कुछ विपक्षी नेताओं से भी मिले थे. इस मुलाकात में सुझाव दिया गया था कि नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा था कि इसके लिए एक गैर गांधी को पार्टी सौंपकर कांग्रेस को मजबूत करना होगा. उन्होंने कहा था कि इसके लिए एक गैर गांधी को पार्टी सौंपकर कांग्रेस को मजबूत करना होगा.
किशोर ने 2024 के लोकसभा चुनाव और कई राज्यों के चुनावों के लिए अपनी रणनीतिक योजना में, चुनाव रणनीति योजना, पार्टी में संरचनात्मक और संगठनात्मक परिवर्तन और अन्य दलों के साथ गठबंधन सहित कई उपायों का सुझाव दिया है.
सोशल मीडिया पर किशोर का 85 पेज का ‘पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन' भी प्रसारित हो रहा है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए गैर-गांधी नेतृत्व की सिफारिश की थी, जिसका चुनावों में काफी प्रभाव पड़ेगा.
उन्होंने इस प्रस्तुति में समय की आवश्यकता के रूप में कांग्रेस के पुनर्जन्म, उसकी भावना की रक्षा और एक नए ढांचे का निर्माण करने का भी सुझाव दिया है. किशोर ने यह भी कहा कि एक मजबूत कांग्रेस के बिना एक कार्यात्मक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) नहीं हो सकता है और इसलिए नेतृत्व को पार्टी के पुनर्निर्माण पर ध्यान देना चाहिए.
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