कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी दशकों पुराने नागा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है. उन्होंने दावा किया कि इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए केंद्र और एनएससीएन (आईएम) द्वारा 2015 में एक प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन कई नागा संगठनों को यह स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्या करने की कोशिश कर रहे हैं और आगे का रास्ता क्या है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘एक समस्या है जिसके समाधान की आवश्यकता है... एक समस्या जिसके लिए बातचीत, एक-दूसरे को सुनना और समाधान पर अमल के लिए काम करना आवश्यक है और जहां तक प्रधानमंत्री का सवाल है, इसकी कमी है.''
कांग्रेस नेता रविवार को मणिपुर से शुरू हुई अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान नगालैंड की राजधानी कोहिमा से करीब 30 किलोमीटर दूर चीफोबोजोउ में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं कई नागा नेताओं से बात करता रहा हूं और वे वास्तव में इस बात से हैरान हैं कि कोई प्रगति क्यों नहीं हुई... हम (कांग्रेस) नागा मुद्दे के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं.''
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बिना ज्यादा सोचे-समझे कुछ भी वादा करते हैं.
नागा विद्रोह 1947 में शुरू हुआ था. दशकों पुरानी समस्या का समाधान खोजने के लिए केंद्र 1997 से एनएससीएन-आईएम से बातचीत कर रहा है. केंद्र एनएससीएन-आईएम और नागा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप (एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ अलग-अलग बातचीत कर रहा है.
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