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This Article is From Dec 17, 2015

सहकर्मियों का खुलासा, दुर्घटना के समय इंजन की ओर पीठ करके खड़े थे एयर इंडिया के इंजीनियर रवि

सहकर्मियों का खुलासा, दुर्घटना के समय इंजन की ओर पीठ करके खड़े थे एयर इंडिया के इंजीनियर रवि
इंजीनियर रवि सुब्रमण्यम
मुंबई: मुंबई एयरपोर्ट पर बुधवार को एयरबस 319 के इंजन में खिंच जाने से हुई एयर इंडिया के इंजीनियर की मौत के मामले में एक मेल से नया खुलासा हुआ है। इसके अनुसार इस बात की संभावना है कि टेक-ऑफ के दौरान स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

प्राइवेट एयरलाइन इंडिगो के मेंटेनंस मैनेजर प्रदीप सिंह रावत ने पिछली रात को इंजीनियर रवि सुब्रमण्यम की मृत्यु के बाद उनके सहकर्मियों से चर्चा के बाद एक आंतरिक मेल लिखा। रावत ने कहा कि एक हेल्पर जो इंजीनियर के बिल्कुल पास ही खड़ा था, वह इस घटना में इसलिए बाल-बाल बच गया, क्योंकि वह एयरक्राफ्ट के अचानक चलना शुरू करते ही वह तुरंत बैठ गया था।

नहीं रखे थे चॉक
रावत ने लिखा, "पुश बैक के बाद कोई भी चॉक (पच्चर/टेक) नहीं रखा गया था।" चॉक वे पच्चर या टेक होते हैं, जो एयरक्राफ्ट के इंजनों के चालू होने पर पहियों को अचानक घूमने से रोकने के लिए रखे जाते हैं।

उन्होंने यह भी लिखा कि इस घटना के चश्मदीदों का दावा है कि टैक्सी आउट से पहले इंजीनियर से क्लियरेंस सिग्नल नहीं लिया गया था और पायलटों और ग्राउंड स्टाफ के बीच समुचित समन्वय नहीं था।

इंजन की ओर थी पीठ
उन्होंने कहा कि यह घटना इंजीनियर द्वारा हेल्पर को टो-बार को हटाने का निर्देश दिए जाने के बाद घटी। टो-बार का उपयोग एयरक्राफ्ट को पुश करने के लिए किया जाता है। 'हेल्पर ईटी शिंदे ने टो-बार हटा दिया और इस दौरान इंजीनियर की फेसिंग टो-ट्रक की ओर थी, जबकि उनकी पीठ इंजन की ओर थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी बीच कैप्टन को ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से टैक्सी क्लियरेंस मिल गया और सह-पायलट ने उन्हें सूचित किया कि एयरक्राफ्ट के आसपास का एरिया क्लियर है।'

...और बच गया हेल्पर
'जब एयरक्राफ्ट ने दोनों इंजन चालू होने पर चलना शुरू किया, तो उस समय भी टेक्नीशियन ने हेडसेट लगाए हुए थे और उनकी पीठ इंजन की ओर थी। चूंकि कोई चॉक नहीं लगाया था, इसलिए एयरक्राफ्ट ने चलना शुरू कर दिया और हेडसेट लगाकर खड़े टेक्नीशियन को खींच लिया। हेल्पर जो इस घटना के समय वहां मौजूद (गवाह) था, वह तुरंत ही बैठ गया और खुद को बचा लिया।'

रावत ने अपने पत्र में, जिसे उन्होंने अपनी एयरलाइन के कई लोगों को मार्क किया है- कहा कि इस घटना में 'मानवीय कारकों' ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने इसमें धैर्य के महत्व और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया के पालन की आवश्यकता के बारे में भी लिखा है।

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