कोयंबटूर : तमिलनाडु के कोयंबटूर के एक दंपति ने साढ़े तीन साल की अपनी बेटी के लिए ‘कोई जाति नहीं, कोई धर्म नहीं' का प्रमाण पत्र हासिल किया है. दंपति-नरेश कार्तिक और गायत्री अपनी बेटी विल्मा को स्कूल में दाखिला दिलाना चाहते थे, लेकिन सभी स्कूलों ने जाति और धर्म प्रमाण पत्र जमा करने पर जोर दिया. लेकिन, दंपति ने कहा कि वे प्रमाण पत्र प्राप्त करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी बेटी स्कूलों में प्यार और समानता सीखना चाहती है. कार्तिक के एक करीबी दोस्त ने सोमवार को बताया कि ऐसे प्रमाण पत्र के लिए जोर नहीं देने वाले शैक्षणिक संस्था की तलाश करने के बाद नरेश कार्तिक ने विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किया और जिलाधिकारी जी. एस. समीरन से मुलाकात की.