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दुबई टु दिल्ली वाया गुजरात: कैसे चल रही थी कोकेन कंपनी, जानिए इनसाइड स्टोरी

ड्रग सिंडिकेट का मास्टरमाइंड वीरेंद्र बसोया बताया जा रहा है जो लंदन में बैठ कर ऑपरेट कर रहा है. लंदन से उसने दो लोगों को दिल्ली भेजा ताकि वो ड्रग्स को ठिकाने लगा सके. कोकेन की ये सप्लाई दुबई से भारत में किस तरह से हो रही थी, यहां जानिए.

दुबई टु दिल्ली वाया गुजरात: कैसे चल रही थी कोकेन कंपनी, जानिए इनसाइड स्टोरी
दुबई और ब्रिटेन से जुड़े सिंडिकेट के तार

गुजरात के अंकलेश्वर के अवकार ड्रग्स लिमिटेड कंपनी के गोडाउन से 500 किलो से ज्यादा कोकेन जब्त की गई है. ड्रग्स की जो भारी-भरकम खेप पकड़ी गई है, इंटरनेशनल मार्किट में उसकी कीमत करीब 5000 करोड़ रुपए है. दिल्ली पुलिस और गुजरात पुलिस ने रविवार को एक संयुक्त अभियान में हजारों करोड़ रुपये की कोकेन बरामद की और पांच लोगों को गिरफ्तार किया. दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह कोकेन उसी इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडिकेट से जुड़ी है, जिसकी 2 बड़ी खेप दिल्ली से 2 अक्टूबर और 10 अक्टूबर को छापेमारी के दौरान पकड़ी गई थी. नयी बरामदगी दिल्ली में इस माह की शुरुआत में जब्त की गई 700 किलोग्राम कोकीन के मामले से ही जुड़ी है.

अब तक 1,289 किलोग्राम कोकेन जब्त

इसके साथ ही अब तक 1,289 किलोग्राम कोकेन और 40 किग्रा ‘हाइड्रोपोनिक थाईलैंड मारिजुआना' बरामद की जा चुकी हैं जिसकी कीमत 13,000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है. इस संबंध में 12 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं. सूत्रों ने बताया कि यह देश में किसी भी एजेंसी द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी जब्ती मानी जा रही है. दुबई से ऑपरेट हो रहे इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड की पहचान वीरेंद्र बसोया के रूप में हुई है, इसके दुबई में कई बिजनेस हैं. पुलिस ने बसोया के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है. PTI के सूत्रों के मुताबिक पूरे देश में आज तक कभी इतनी बड़ी मात्रा में कोकीन नहीं जब्त की गई है. पिछले 12 दिनों की ये 3 रेड अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है.

दुबई से कैसे गुजरात के रास्ते दिल्ली लाई जा रही थी ड्रग्स

सूत्रों के मुताबिक अपनी वेबसाइट पर अन्य केमिकल उत्पाद बनाने का दावा करने वाली फर्म का गठन 2016 में हुआ था. भरूच पुलिस इस बारे में जानकारी जुटा रही है कि कंपनी कौन से रसायन बना रही थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहा कि ड्रग्स दुबई से आई थीं और दिल्ली-एनसीआर भेजे जाने से पहले उन्हें छांटा और मिलाया गया था. इसके साथ ही सूत्रों ने ये भी दावा किया कि ड्रग्स को फिर गुजरात से ‘मेडिकल कंसाइनमेंट' के रूप में बाहर ले जाया गया और फिर कागज़ों पर ‘फार्मा सॉल्यूशंस सर्विसेज' के नाम से स्थापित एक कथित फर्जी फार्मा कंपनी को सौंप दिया गया. इस ड्रग सिंडिकेट के तार दुबई औ ब्रिटेन से जुड़े बताए जा रहे हैं. सिंडिकेट से जुड़े लोग कॉन्सर्ट, रेव पार्टी और अन्य जगहों पर ड्रग्से बेचने की फिराक में था.

फर्जी कंपनी, एमबीए वालों को काम पर रखा

फर्जी कंपनी ने फार्मा ब्रांड के लिए काम करने के बहाने कर्मचारियों को काम पर रखा था. उनमें से कई एमबीए कर चुके थे - और उनका इस्तेमाल एनसीआर में स्टोरेज की व्यवस्था करने के लिए किया. कंपनी के नाम का इस्तेमाल दिल्ली में ट्रांसपोर्टरों से वाहन किराए पर लेने के लिए भी किया गया था ताकि माल को एक गोदाम से दूसरे गोदाम तक आसानी से पहुंचाया जा सकें. अधिकारियों ने कहा कि 1 अक्टूबर को, स्पेशल सेल ने दिल्ली के महिपालपुर में एक गोदाम पर छापा मारा था, जिसे एक प्रकाशक के बेटे तुषार गोयल ने किराए पर लिया था. जहां से एक खेप और 562 किलोग्राम कोकेन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना जब्त किया था.

दिए जाते थे कोड नेम...

इस ड्रग सिंडिकेट के मेंबर को कोड नेम दिए जाते थे. इस बारे में पुलिस ने बताया कि सिंडिकेट के जुड़े ज्यादातर मेंबर एक दूसरे को जानते भी नहीं थे और वे आपस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर एक-दूजे से संपर्क करते थे. कम्युनिकेशन के लिए हर किसी को एक-एक कोड नेम मिलता था. पुलिस ने ये भी आशंका जताई है कि ड्रग्स की यह खेप साउथ अमेरिकी देशों से समुद्री रास्ते से गोवा लाई गई थी, इसके बाद इसे अन्य रास्तों के जरिए दिल्ली लाया गया. पुलिस इस सिंडिकेट का पता लगाने के लिए काफी वक्त से जुटी थी. 

कोड वेरिफिकेशन के बाद सौंपी जाती थी खेप

सूत्र के अनुसार, लोग आते और गोयल को एक करेंसी बैंक नोट की तस्वीर दिखाते, जो दुबई में रह रहा सरगना कोड के रूप में इस्तेमाल करने के लिए गोयल को पहले ही भेज देता था. कोड सत्यापित होने के बाद, खेप सौंप दी जाती थी. जांच से जुड़े पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “गोयल को 700 किलोग्राम मादक पदार्थ की खेप रखने और उसे वितरित करने के लिए करीब 30 करोड़ रुपये मिलने थे.” अधिकारी ने बताया कि उसे मुंबई स्थित सिंडिकेट के सदस्य भरत कुमार जैन को 15 किलोग्राम मादक पदार्थ की खेप सौंपने के लिए तीन करोड़ रुपये मिलने थे.

ड्रग सिंडीकेट का ब्रिटेन कनेक्शन

गोयल से अपरिचित जैन ने खेप प्राप्त करने के लिए उसे भारतीय नोट की तस्वीर भी दिखाई थी. अधिकारी ने कहा कि दुबई से सरगना ने क्रिप्टोकरेंसी में गोयल को पैसे भेजे थे. गोयल, उसके दो सहयोगियों और जैन को दो अक्टूबर को विशेष प्रकोष्ठ ने महिपालपुर में स्थित गोदाम के बाहर से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बाद में ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के जीतेंद्र गिल उर्फ ​​जस्सी समेत तीन और लोगों को अमृतसर से गिरफ्तार किया था. बृहस्पतिवार को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के हापुड़ से अखलाक नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया.

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