नई दिल्ली:
कोयला आवंटन की जांच से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट को लेकर खुद कानून मंत्री अश्विनी कुमार सवालों के घेरे में हैं। सूत्रों के मुताबिक, अश्विनी कुमार को लेकर कांग्रेस बंटी हुई है। पार्टी में उनके इस्तीफे को लेकर सुगबुगाहट जारी है।
कई कांग्रेस नेताओं की राय है कि अश्विनी कुमार इस्तीफा दें और इस मामले को जबरदस्ती खींचने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने कानून मंत्री के साथ खड़े दिख रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में इस बात पर सहमति बन गई है कि फिलहाल अश्विनी कुमार के इस्तीफे का दबाव ना बनाया जाए।
इससे पूर्व मंगलवार को कोयला आवंटन में सीबीआई रिपोर्ट में सरकारी दखलअंदाज़ी पर सुप्रीम कोर्ट की बेहद तीखी टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कानून मंत्री अश्विनी कुमार को बुलाया। बैठक में कानूनमंत्री फाइलों का पुलिंदा लेकर गए थे। बैठक के बाद कुमार आत्मविश्वास से भरे हुए निकले। उन्होंने मीडिया वालों से कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी है, कोई फैसला नहीं है।
कई कांग्रेस नेताओं की राय है कि अश्विनी कुमार इस्तीफा दें और इस मामले को जबरदस्ती खींचने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने कानून मंत्री के साथ खड़े दिख रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में इस बात पर सहमति बन गई है कि फिलहाल अश्विनी कुमार के इस्तीफे का दबाव ना बनाया जाए।
इससे पूर्व मंगलवार को कोयला आवंटन में सीबीआई रिपोर्ट में सरकारी दखलअंदाज़ी पर सुप्रीम कोर्ट की बेहद तीखी टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कानून मंत्री अश्विनी कुमार को बुलाया। बैठक में कानूनमंत्री फाइलों का पुलिंदा लेकर गए थे। बैठक के बाद कुमार आत्मविश्वास से भरे हुए निकले। उन्होंने मीडिया वालों से कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी है, कोई फैसला नहीं है।
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