जयपुर:
राजस्थान में पुलिस ने 11वीं कक्षा की छात्रा द्वारा रैगिंग का आरोप लगाए जाने के बाद एक केस दर्ज किया है। छात्रा का आरोप है कि जोधपुर में पिछले हफ्ते स्कूल के पहले ही दिन उसकी कक्षा की ही छात्राओं ने न सिर्फ उसके कपड़े उतरवाए बल्कि उसका यौन शोषण भी किया।
छात्रा ने 8 जुलाई को सोहनलाल मनिहार गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एडमिशन लिया है। छात्रा ने पुलिस को बताया कि उसी की कक्षा की कुछ छात्राओं ने उसे बाथरूम में बंद करके न सिर्फ कपड़े उतारने को मजबूर किया, बल्कि पीटा भी और गलत तरीके से छुआ।
पुलिस ने 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली सभी आरोपी छात्राओं और स्कूल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। स्कूल प्रशासन पर इस मामले की जानकारी पुलिस को नहीं देने का आरोप है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान के पुलिस प्रमुख को लिखे भावुक पत्र में छात्रा ने न्याय की गुहार लगाई है और लिखा है कि इस घटना ने उसके जेहन पर गहरे जख्म छोड़े हैं।
छात्रा ने लिखा, 'इस घटना ने मुझे तोड़ कर रख दिया है और अब मैं जीना नहीं चाहती। रैगिंग का वायरस अब स्कूलों में भी पहुंच गया है और इसे खत्म करने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।'
पुलिस ने बताया कि एक आरोपी छात्रा को सुधार गृह भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित की मेडिकल जांच हो गई है और वह जज के सामने अपना बयान दर्ज कराएगी।
एक पुलिस अधिकारी मनीष देव ने बताया, 'छात्रा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, आरोपी छात्राओं ने पीड़ित छात्रा का बाथरूम तक पीछा किया और उसे वहां बंद कर दिया। जिस लड़की ने ये किया वो उसकी ही क्लास की थी। उसने पीड़ित को डराया, उसे धक्का दिया और कपड़े उतारने को कहा। आरोपी ने अपनी कुछ और सहेलियों को बुला लिया। उन लोगों ने भी पीड़ित को पीटा और अभद्र व्यवहार किया।'
स्कूल प्रशासन ने बताया कि उन्होंने घटना के तीन दिन बाद मामले की जांच कराई थी, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित होता हो कि ऐसा कुछ हुआ है। पुलिस केस के बाद अब स्कूल प्रशासन का कहना है कि वह मामले की जांच कर रहे हैं और 5 छात्राओं को निलंबित कर दिया गया है।
स्कूल का संचालन करने वाले महेश शिक्षण संस्थान के सेक्रेटरी हरि गोपाल राठी ने बताया, 'हम दूसरी बार मामले की जांच कर रहे हैं और जांच पूरी होने तक आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है।'
छात्रा ने 8 जुलाई को सोहनलाल मनिहार गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एडमिशन लिया है। छात्रा ने पुलिस को बताया कि उसी की कक्षा की कुछ छात्राओं ने उसे बाथरूम में बंद करके न सिर्फ कपड़े उतारने को मजबूर किया, बल्कि पीटा भी और गलत तरीके से छुआ।
पुलिस ने 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली सभी आरोपी छात्राओं और स्कूल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। स्कूल प्रशासन पर इस मामले की जानकारी पुलिस को नहीं देने का आरोप है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान के पुलिस प्रमुख को लिखे भावुक पत्र में छात्रा ने न्याय की गुहार लगाई है और लिखा है कि इस घटना ने उसके जेहन पर गहरे जख्म छोड़े हैं।
छात्रा ने लिखा, 'इस घटना ने मुझे तोड़ कर रख दिया है और अब मैं जीना नहीं चाहती। रैगिंग का वायरस अब स्कूलों में भी पहुंच गया है और इसे खत्म करने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।'
पुलिस ने बताया कि एक आरोपी छात्रा को सुधार गृह भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित की मेडिकल जांच हो गई है और वह जज के सामने अपना बयान दर्ज कराएगी।
एक पुलिस अधिकारी मनीष देव ने बताया, 'छात्रा द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, आरोपी छात्राओं ने पीड़ित छात्रा का बाथरूम तक पीछा किया और उसे वहां बंद कर दिया। जिस लड़की ने ये किया वो उसकी ही क्लास की थी। उसने पीड़ित को डराया, उसे धक्का दिया और कपड़े उतारने को कहा। आरोपी ने अपनी कुछ और सहेलियों को बुला लिया। उन लोगों ने भी पीड़ित को पीटा और अभद्र व्यवहार किया।'
स्कूल प्रशासन ने बताया कि उन्होंने घटना के तीन दिन बाद मामले की जांच कराई थी, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित होता हो कि ऐसा कुछ हुआ है। पुलिस केस के बाद अब स्कूल प्रशासन का कहना है कि वह मामले की जांच कर रहे हैं और 5 छात्राओं को निलंबित कर दिया गया है।
स्कूल का संचालन करने वाले महेश शिक्षण संस्थान के सेक्रेटरी हरि गोपाल राठी ने बताया, 'हम दूसरी बार मामले की जांच कर रहे हैं और जांच पूरी होने तक आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है।'